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‘जगन्नाथ मंदिर की मरम्मत रोकी तो आ सकता है अनिष्ट’ –

puri_jagannath_temple_16_05_2016भुवनेश्वर। ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर की मरम्मत रोक दी गई है। ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के इस फैसले से सबसे बड़ा धक्का प्रदेश के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को लगा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है कि यदि मंदिर की मरम्मत का कार्य जल्द शुरू नहीं हुआ तो अनिष्ट आ सकता है।

पटनायक ने लगे हाथ यह भी लिखा है कि मरम्मत में आने वाला पूरा खर्च उनकी सरकार वहन करने को तैयार है। उन्होंने कोणार्क के सूर्य मंदिर का उदाहरण दिया है, जहां वक्त रहते मरम्मत नहीं की गई है और आखिरकार यह यूनेस्को हेरिटेज श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दी गई।

यह है जगन्नाथ मंदिर का मामला?

एएसआई ने रथयात्रा से दो माह पहले जगन्नाथ मंदिर की मरम्मत रोकने का आदेश दिया था। 1990 के दशक से इस मंदिर की छतों से मलबा गिर रहा है, जिसके चलते अब तुरंत मरम्मत की स्थिति खड़ी हो गई है।

एएसआई और प्रदेश सरकार के बीच विवाद का कारण जगमोहन हॉल है, जहां से होकर दर्शनार्थी मूल मंदिर में प्रवेश करते हैं। इस हॉल की दीवारों में दरारे पड़ गई हैं। तब एएसआई की तकनीकी कमेटी ने स्टील की फ्रेम लगाने की सलाह दी। इसका अनुमानित खर्च 2.5 करोड़ रुपए आंका गया। हालांकि कुछ हफ्तों पहले यह कहते हुए काम रोक दिया गया कि कमजोर ढांचे का फिर से अध्ययन करने की जरूरत है।

वहीं मंदिर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी सुरेश महापात्र का कहना है कि मंदिर की स्थिति दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है। हम इस बारे में प्रधानमंत्री से बात करेंगे। यदि मंदिर की मरम्मत रोकी गई तो भगवान ही जाने क्या होगा? हम कीमत चुकाने को तैयार हैं। हमने एक करोड़ रुपया अलग रख रखा है, ताकि मरम्मत में कोई बाधा न आए।

 
 

 

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