गुड़गांव : जिला व सत्र न्यायालय सुधीर परमार की कोर्ट ने जज की पत्नी और बेटे के हत्या के जुर्म में उनके सुरक्षाकर्मी के खिलाफ अपना फैसला सुना दिया है, जिसमें उन्होंने उस सुरक्षाकर्मी को दोषी करार दिया है। गौरतलब है कि डिफेंस की तरफ से कोर्ट में यह दलील दी गई थी कि सुरक्षाकर्मी के साथ धक्कामुक्की के क्रम में जज के बेटे ने सुरक्षाकर्मी महिपाल से बंदूक छीन ली थी। जिसमें महिपाल से बंदूक छीनने के क्रम में गलती से गोली चल गई थी। क्या कहा जज ने जज ने डिफेंस के तरफ से दी गई दलील को मानने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर वो निर्दोष था तो उसने सबूतों को मिटाने का प्रयास क्यों किया था। गवाहों और सीसीटीवी के फुटेज देखने से यह साफ पता लगता है कि दोषी महिपाल ने सबूतों के साथ फेरबदल करने की कोशिश की थी जिसे कानून में एक गंभीर क्राइम की श्रेणी में रखा जाता है। 2018 में तैयार किया गया था चलान जांच के बाद हरियाणा पुलिस के द्वारा 15 दिसंबर 2018 को चलान तैयार किया गया था जिसे 27 दिसंबर को कोर्ट में पेश कर दिया गया था। जिसके बाद कोर्ट ने 9 जनवरी को महिपाल पर मर्डर के चार्ज लगाए थे। गौरतलब है कि लगभग 14 महीनों के बाद इस केस का फैसला सुनाया गया जिसमें महिपाल को दोषी माना गया है।