
दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ पटना: जदयू ने कहा कि नौकरी और शिक्षा के लिए मौजूदा आरक्षण नीति की समीक्षा करने की कोई जरूरत नहीं है। जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, ‘केवल राजनीतिक आरक्षण (लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में सीटों का आरक्षण) 10 वर्ष के लिए होना था और उसके बाद नीति की समीक्षा की जानी थी जैसा बाबा साहेब बी आर अंबेडकर ने उल्लेख किया था। इसीलिए प्रत्येक 10 वर्ष बाद संसद राजनीतिक आरक्षण को बढ़ाती है।’