जम्मू-कश्मीर: सिर्फ आतंक ही नहीं अलगाववाद से भी मिलेगी अब ‘आजादी’
जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को खत्म करने के लिए सुरक्षा मामलों का रोडमैप तैयार कर लिया गया है, लेकिन केंद्र सरकार इतने पर ही नहीं रुकेगी। सरकार ने घाटी को आतंकियों को समर्थन देने वाले अलगाववादियों से भी ‘आजाद’ करने की तैयारी कर ली है। अनुच्छेद-370 खत्म करने के बाद सरकार ने जम्मू-कश्मीर के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास के अलावा सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने का जो रोडमैप बनाया है, उसमें सबसे पहले अलगाववादियों की प्रासंगिकता को ही खत्म किया जाएगा।
हालांकि सरकार ने घाटी में युवाओं को सरकार विरोधी बनाने वाले अलगाववादियों की कमर तोड़ने की शुरुआत कई महीने पहले ही कर दी थी। पिछले कुछ महीनों से राज्य में एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) पाक समर्थित अलगाववादी गुटों के खिलाफ कई बार सख्त कार्रवाई कर चुकी है।
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने अमर उजाला को बताया कि अलगाववाद से निपटने के साथ ही सरकार ने अपने लिए सबसे बड़ी चुनौती के तौर पर घाटी के युवाओं में घर कर गए धार्मिक कट्टरवाद को माना है। इसका निवारण कर वहां के युवाओं को मुख्य धारा में वापस लाने के लिए भी आधारभूत योजना बनाई जा चुकी है।
आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी
सूत्रों ने कहा कि कश्मीरी नागरिकों को अनुच्छेद-370 हटने से होने वाले लाभ समझाने के साथ ही वहां छिपे पाकिस्तानी और स्थानीय आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई चलती रहेगी। बकरीद के बाद नए सिरे से इस कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा। इस बार भारत-पाक सीमा सील कर घाटी से आतंकवादियों का पूरी तरह से सफाया कर देने की योजना है।
पाक को किनारे करने की भी तैयारी
सरकार ने जम्मू-कश्मीर मामले में पाकिस्तान को भी पूरी तरह अलग-थलग कर देने का रोडमैप बना लिया है। इसके लिए सामरिक उपायों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काम चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार के ताजा फैसले के बाद राजनयिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध खत्म करने जैसे पाकिस्तान सरकार के कूटनीतिक फैसलों ने यह काम और ज्यादा आसान कर दिया है। पाकिस्तान को मुद्दे से अलग करने के लिए ही सरकार ने उसके समर्थक हुर्रियत कांफ्रेंस सरीखे सभी अलगाववादी गुटों से कोई बातचीत नहीं करने का निर्णय लिया है।