दिल्ली। काफी दिनों से चल रहा जाकिर नाइक के मामले में एक नया मोड़ आया है। इस मामले में कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी पर भी निशाना साधा। सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले ट्रस्ट के इस्लाम प्रचारक जाकिर नाइक के ट्रस्ट से चंदा लेने के मामले में बीजेपी के आरोपों से घिरी कांग्रेस ने सोमवार (12 सितंबर) को पलटवार करते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली पूर्व राजग सरकार ने साल 2003 में नाइक की जम्मू-कश्मीर यात्रा का ‘आयोजन’ और ‘व्यवस्था’ की थी। कांग्रेस का आरोप है कि तत्कालीन राजग सरकार ने नाइक के कश्मीर के तीन दिन के दौरे को सफल बनाने की हर संभव कोशिश की थी। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, “इन दिनों बीजेपी जाकिर नाइक का नाम लेते नहीं थकती। वो उसेक लिए नए मंत्र बन गए हैं। 2003 में बीजेपी केंद्र में और अब बीजेपी की साझीदार पीडीपी की जम्मू-कश्मीर में सरकार थी। क्या ये सही नहीं है कि तब जाकिर नाइक को जम्मू-कश्मीर के राजभवन में बुलाया गया था? क्या ये गलत है तत्कालीन राजग सरकार ने नाइक की जम्मू-कश्मीर यात्रा की व्यवस्था की थी।”
तिवार ने आगे कहा, “क्या ये सच नहीं है कि जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल ने नाइक से मिले थे? क्या ये सच नहीं है कि नाइक की तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर यात्रा की व्यवस्था राजग सरकार ने की थी? सरकार ने इस यात्रा को सफल बनाने के लिए पूरा जोर लगा दिया था।” तिवारी ने कहा कि जब तक ढाका हमले में शामिल असली या कथित आतंकियों के जाकिर नाइक से प्रेरित होने की जानकारी सामने नहीं आई थी तब तक न तो जाकिर नाइक न ही उनका संगठन भले ही गोपनीय रहा लेकिन वो मीडिया या खुफिया एजेंसियों के राडार से बाहर था। तिवारी ने कहा, “इसलिए बीजेपी के लिए बेहतर होगा कि वो दूसरों पर उंगली उठाने के बजाय अपने अंदर झांके कि क्या जाकिर नाइक शैतान का अवतार हैं?…वो 2003 में शैतान के अवतार के साथ क्या रहे थे।” कांग्रेस के आरोपों के जवाब में बीजेपी नेता श्रीकांत शर्मा ने कहा, “कांग्रेस हमेशा यही करती है। जब वो रंगे हाथ पकड़ी जाती है तो वो पिछली राजग सरकार पर दोष मढ़ने लगती है।”
जाकिर नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) ने कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए सरकार के कार्यकाल में राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) को 50 लाख रुपए की डोनेशन दी थी। इस फाउंडेशन की प्रमुख कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए आतंकी हमले के दो आरोपी कथित तौर पर जाकिर नाइक से प्रेरित थे। उसके बाद ही नाइक और उनका एनजीओ जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं।