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जाट आंदोलन के दौरान मुरथल गैंगरेप पर संज्ञान लेने वाले जस्टिस नरेश सांघी का निधन
दस्तक टाइम्स एजेंसी/पानीपत/चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज नरेश सांघी का सोमवार देर शाम दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। यह वही जज थे, जिन्होंने बीते दिनों जाट आरक्षण आंदाेलन के दौरान सोनीपत जिले के मुरथल में नेशनल हाईवे के पास दर्जनभर महिलाओं से गैंगरेप की घटना सामने आने पर पुलिस की कार्यशैली पर सवा उठाया था।
आज हाईकोर्ट रहेगा अवकाश…
– नरेश सांघी तिरुपति बालाजी मंदिर माथा टेकने गए थे। बाहर आते समय उन्हें दिल का दौरा पड़ गया, जिस कारण उनकी मौत हो गई।
– बार कौंसिल ने नरेश सांघी की मौत पर दुख प्रकट किया है और इसी के चलते सोमवार को हाईकोर्ट में भी अवकाश रहेगा।
– उनका जन्म 5 जून 1955 में नारनौल के वकील परिवार में हुआ था। 30 सितंबर 2011 से वे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सेवाएं दे रहे थे। वह 2017 में नौकरी से सेवामुक्त होने वाले थे।
– उनका जन्म 5 जून 1955 में नारनौल के वकील परिवार में हुआ था। 30 सितंबर 2011 से वे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सेवाएं दे रहे थे। वह 2017 में नौकरी से सेवामुक्त होने वाले थे।
– इससे पहले 1996 में हरियाणा के उप महाधिवक्ता और 2007 में पंजाब के अतिरिक्त महाधिवक्ता के तौर पर काम किया।
– गौरतलब है कि जाट आंदोलन के दौरान मुरथल में 30 बदमाशों द्वारा महिलाओं से गैंगरेप संबंधी ट्रिब्यून की खबर पर जस्टिस नरेश कुमार सांघी ने ही स्वत: संज्ञान लिया था।
-नरेश सांघी ने मुरथल गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखा था, जिसके बाद कोर्ट ने कार्रवाई करने के लिए कहा था।
– इसके बाद यह मामला काफी सुर्खियों में रहा और प्रदेश सरकार को इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन करना पड़ा।
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सुर्खियों में बना मामला, राज्यसभा में कुमारी शैलजा ने भी उठाया
– बता दें कि 22 फरवरी की रात मुरथल में महिलाओं के साथ हुई कथित दरिंदगी की घटना को एक अंग्रजी अखबार ने उठाया, जिसके बाद हरियाणा एंड पंजाब हाईकोर्ट के सिटिंग जज जस्टिस नरेश सांघी ने स्वत:संज्ञान लेते हुए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे।
– हालांकि डीजीपी यशपाल सिंघल ने भी पहले इस बात को अफवाह बताया था, लेकिन हाईकोर्ट के सख्त रवैये के चलते बाद में एसआईटी का गठन किया गया।
– डीआईजी राजश्री सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति में डीएसपी भारती डबास और सुरिंदर कौर शामिल हैं। स्थानीय स्तर पर हेल्पलाइन नंबर 8053882004, 0130-2222903 भी जारी किए गए और कहा गया कि कोई भी इस पर शिकायत कर सकता है, उसकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।
– केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी के आदेश के बाद महिला आयोग की एक टीम जांच के लिए इस इलाके का दौरा करने आई, लेकिन इस टीम को भी गैंगरेप जैसी घटनाओं के कोई सबूत नहीं मिले।
– इतना ही नहीं कथित गैंगरेप मामले की हाईकोर्ट की देख रेख में न्यायिक जांच कराने की मांग राज्यसभा में की गई। 1 मार्च को शून्यकाल में कांग्रेस की कुमारी शैलजा ने कहा कि इस कथित घटना को लेकर मीडिया की खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस दिया है, लेकिन राज्य सरकार ने तो इस घटना से ही इनकार कर दिया। ऐसे में राज्य सरकार से निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे की जा सकती है।