नई दिल्ली । विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला (Foreign Secretary Harsh Vardhan Shringla) ने विदेश मामलों (Foreign Affairs) पर संसदीय स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee) को युद्धग्रस्त यूक्रेन (war-torn Ukraine) में फंसे भारतीयों (Indians) को निकालने के लिए की गई कोशिशों की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने बताया कि भारतीयों को लाने के लिए अगले दो-तीन दिन में 13 उड़ानें संचालित करने की योजना है। साथ ही बाद में इनकी संख्या रोजाना नौ कर दी जाएगी।
उन्होंने समिति को रूस के आक्रमण के चलते यूक्रेन में पैदा हुए हालात और भारतीय नागरिकों को निकालने की कोशिशों की विस्तृत जानकारी दी। भाजपा सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता में हुई समिति की बैठक का एजेंडा वित्तवर्ष 2022-23 में मंत्रालय की अनुदान मांगों का था लेकिन आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन और अन्य सांसदों के लिखिति नोटिस पर यूक्रेन संकट का मुद्दा उठा।
सूत्रों का कहना है कि विदेश सचिव व मंत्रालय के अधिकारियों ने समिति को यह भी बताया कि सरकार यूक्रेन में भारतीय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेड क्रॉस के भी संपर्क में है। समिति ने एकमत से सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। साथ ही कुछ सदस्यों ने इस संकट को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के रुख के बारे में भी जानकारी मांगी।
युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए स्पाइसजेट एक विशेष उड़ान का संचालन करेगा। निजी एयरलाइंस कंपनी यूक्रेन से हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से भारतीयों को लाने के लिए शुक्रवार को उड़ान भरेगी।
स्पाइसजेट का कहना है कि वह अपने बोइंग 737 मैक्स विमान का उपयोग करेगा। यह विमान सोमवार शाम को दिल्ली से बुडापेस्ट के लिए रवाना होगा और शुक्रवार को जॉर्जिया के रास्ते वापस लौटेगा। कंपनी का कहना है कि उसकी और उड़ानों की योजना है और वह इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा कर रही है।
भारत ने अपने नागरिकों को निकालने लिए हंगरी और रोमानिया से शनिवार से विशेष उड़ानें शुरू की हैं। टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया पांच उड़ानों में 1156 भारतीयों को स्वदेश वापस ला चुकी है जबकि छठवीं उड़ान से सोमवार शाम को 240 और भारतीय नई दिल्ली पहुंचेंगे। यूक्रेन में अभी भी 14000 भारतीय फंसे हुए हैं। इनमें से ज्यादातर छात्र हैं।