रोहतक। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को रेप के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने करीब 20 वर्ष की सजा तो सुना दी लेकिन जेल में रामरहीम का पहला दिन और पहली रात्रि बमुश्किल ही कट पाई। वह अपनी बैरक में रात्रिभर जागता रहा। तो दूसरी ओर उसे जेल का भोजन भी रास नहीं आया। 4 रोटी व सब्जी में वह केवल आधी रोटी ही खा सका। राम रहीम को अब माली का कार्य करना होगा।
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साथ ही उसे फैक्ट्री में भी कार्य करना होगा। इसके लिए उसे 40 रूपए प्रतिदिन का मेहनताना मिलेगा। गौरतलब है कि उस पर दो शिष्याओं ने रेप का आरोप लगाया था। यह मामला लगभग 18 वर्ष पुराना था। दरअसल उन्हें 10, 10 वर्ष की सजा हुई है और उन्हें दोनों सजा बारी बारी से भुगतना होगी। उन्हें पंचकूला मेें सुनारिया जिला जेल में रखा गया है। उन्हें लेकर फैसला इसी जेल में बनी अस्थायी अदालत में हुआ था। फैसले के लिए लाइब्रेरी को ही अदालत बना दिया गया था।
पंचकूला में शुक्रवार को अदालत द्वारा रा डेरा प्रमुख को दोषी करार दिए जाने के बाद पूरे हरियाणा में व्यापक हिंसा फैल गई थी, जिसमें 38 लोगों की मौत हो गई और 264 लोग घायल हो गए। अदालत के सूत्रों ने बताया कि सजा सुनाने के लिए अदालत की कार्रवाई सोमवार को अपराह्न 2.30 बजे शुरू हुई और न्यायाधीश ने बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष को अपना,अपना पक्ष रखने के लिए 10,10 मिनट का समय दिया।
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इस घटनाक्रम से जो उपद्रव हुआ और इसमें प्रभावित हुए पीड़ितों को प्रति पीड़ित करीब 14 लाख रूपए का मुआवजा देने का आदेश भी न्यायमूर्ति न्यायाधीश जगदीप सिंह ने दिया। सिरसा में ही स्थानीय समाचार.पत्र पूरा सच निकालने वाले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या कर दी गई थी। उनके पुत्र अंशुल छत्रपति ने इस निर्णय का स्वागत किया और इसे सही बताया। गौरतलब है कि रामरहीम को दोषी करार दिया जाने के बाद हरियाणा में हिंसा भड़क गई थी। मगर सुरक्षातंत्र ने स्थिति को नियंत्रित करने का पूरा प्रयास किया था।