जीवनशैली

जापानी पुरूषों को बीवी से ज्यादा हुआ रोबोट डॉल्स से प्यार

टोक्यो: टेक्नोलॉजी और कड़ी मेहनत के लिए मशहूर जापान भले ही तेजी से पूरी दुनिया में उभर रहा है। लेकिन यहां के लोगों के सामने अब एक नई समस्या आ गई है। दरअसल, बड़े-बड़े भूकंप और सुनामी की मार झेलने वाले जापान के लोग अब देश में घटते बर्थरेट, लड़कों के मुकाबले लड़कियों की कम संख्या और एकाकीपन जैसी बड़ी समस्या झेल रहे हैं। जापान के पुरुष इस अकेलेपन से परेशान हैं। हालांकि उन्होंने इससे छुटकारा पाने का फार्मूला भी ढूंढ लिया  है।

जापानी पुरूषों को बीवी से ज्यादा हुआ रोबोट डॉल्स से प्यार दरअसल, जापान के पुरुष इन दिनों आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी वाली सिलिकॉन से बनी रोबोट सेक्स डॉल्स को अपना जीवनसाथी बना रहे हैं। इन डॉल्स के साथ जापानियों की रोजमर्रा की जिंदगी ठीक वैसी ही गुजर रही है, जैसे किसी असल जीवनसाथी के साथ बीतती है। कुछ ऐसी ही कहानी जापान के मासायुकी ओजाकी की है। उन्होंने अपने रोबोट डॉल्स के साथ बिताए पल की कहानी कुछ यूं बयां की है…

पेशे से फिजियोथैरेपिस्ट मासायुकी Mayu नाम की रोबोट सेक्स डॉल के साथ रहते हैं। मासायुकी के मुताबिक, वह अकेलेपन से बहुत परेशान थे। उन्हें एक दिन अचानक एक शोरूम में यह डॉल्स दिखी। पहली नजर में ही उन्हें इस डॉल से प्यार हो गया और वह इसे खरीदकर घर ले आए।

मासायुकी ने बताया कि वह अक्सर व्हीलचेयर पर बैठाकर डॉल के साथ डेट पर जाते हैं। वह Mayu की विग को चेंज करते हैं और अपनी पसंद के मुताबिक कपड़े और ज्वैलरी पहनाते हैं। वह कहते हैं कि अब मैं दोबारा इंसानों से प्यार करने की कल्पना नहीं कर सकता हूं। मैं अपनी इसी डॉल के साथ दफनाया जाना चाहता हूं और इसे स्वर्ग ले जाना चाहता हूं।

जापान में हर साल 2 हजार से अधिक सेक्स डॉल्स बिकती हैं। जिसमें हर साल बढ़ोत्तरी होती जा रही है। जिंदगी के अकेलेपन को दूर करने के लिए बुजुर्ग से लेकर युवा तक इन रोबोट डॉल्स को खरीद रहे हैं। इन डॉल्स की सबसे बड़ी खासियत है, इनका हु-ब-हू इंसानों की तरह दिखना और बोलना। इन रोबोट सेक्स डॉल ने जापानी पुरूषों को बेहद प्रभावित और आकर्षित किया है। इसीलिए वह करीब 6,000 डॉलर की इस सेक्स डॉल को खरीद अपने सूनेपन को मिटा रहे हैं। इन डॉल्स के चेहरे को भी वह मनमुताबिक बदलवाते भी हैं।

दमोह में मीडिया से बात करते हुए बीजेपी सांसद नंद कुमार चौहान ने देश में महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराधों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से आजकल देश में इन्टरनेट और स्मार्टफोन लोगों तक बड़ी ही आसानी से पहुँच रहा है। इसके जरिये लोग गन्दी चीजें देखते हैं जिसका गलत असर उनके दिमाग पर पड़ता है।ये सिर्फ मेरा ही मानना नहीं बल्कि मीडिया रिपोर्ट्स भी यही कह रही हैं।

जब उनसे इस तरह के कंटेंट पर रोक लगाये जाने के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि सायबर सेल के द्वारा इतनी बारीकी से लगाम लगाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि ये सायबर सेल क्या इतनी बारीक चीजें देख पाएगा, सायबर सेल एक-एक मोबाइल तक कैसे पहुंचेगा…दुनिया में इतनी दूर तक सायबर सेल नहीं पहुंच पाया है, हमारा देश तो छोड़िये। हालाँकि बाद उन्होंने ये भी साफ़ किया कि ये उनकी व्यक्तिगत राय है।आपको बता दें नन्द कुमार उस वक़्त सुर्ख़ियों में आये थे जब उन्होंने कठुआ गैंगरेप को पाकिस्तान की साजिश करार दिया था।

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