स्मार्टफोन के बारे में कई भ्रांतियां हैं जिनकी सच्चाई जाने बगैर हम डरते रहते हैं। जानें क्या है इन सात भ्रांतियों की सच्चाई।
1- विमान में यात्रा करते वक्त फोन बंद रखें
भ्रांति यह है कि अगर ऐसा नहीं किया तो विमान में नेटवर्क में तकनीकी खराबी आ सकती है। लेकिन विमानों में इस्तेमाल होने वाली तकनीक इतनी अपग्रेड हो चुकी है कि विमान में भी आप आराम से मोबाइल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
भ्रांति यह है कि अगर ऐसा नहीं किया तो विमान में नेटवर्क में तकनीकी खराबी आ सकती है। लेकिन विमानों में इस्तेमाल होने वाली तकनीक इतनी अपग्रेड हो चुकी है कि विमान में भी आप आराम से मोबाइल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
2- पेट्रोल पंप पर फोन बंद रखें
पेट्रोल या गैस भराते वक्त मोबाइल फोन ऑन रखा तो फ्यूल स्टेशन पर स्पार्किंग से आग लग सकती है। जोकि स्टेशन आग माचिस की तीली, सिगरेट या बिजली के शॉर्ट सर्किट से लगती है। मोबाइल फोन से किसी स्टेशन पर आग लगने का अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया। हां फोन की बैटरी खराब होने फटने पर ऐसा हो सकता है।
पेट्रोल या गैस भराते वक्त मोबाइल फोन ऑन रखा तो फ्यूल स्टेशन पर स्पार्किंग से आग लग सकती है। जोकि स्टेशन आग माचिस की तीली, सिगरेट या बिजली के शॉर्ट सर्किट से लगती है। मोबाइल फोन से किसी स्टेशन पर आग लगने का अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया। हां फोन की बैटरी खराब होने फटने पर ऐसा हो सकता है।
3- ज्यादा चार्जिंग से फोन की बैटरी फट सकती है।
तीसरी भ्रांति यह है कि स्मार्टफोन को पूरी रात के लिए चार्जिंग में नहीं लगाना चाहिए नहीं तो ओवर चार्जिंग से बैटरी फट सकती है। लेकिन सच यह है कि सभी स्मार्टफोनों में यह सुविधा होती है कि बैटरी फुल होने के बाद अपने आप चार्जिंग बंद हो जाती है।
तीसरी भ्रांति यह है कि स्मार्टफोन को पूरी रात के लिए चार्जिंग में नहीं लगाना चाहिए नहीं तो ओवर चार्जिंग से बैटरी फट सकती है। लेकिन सच यह है कि सभी स्मार्टफोनों में यह सुविधा होती है कि बैटरी फुल होने के बाद अपने आप चार्जिंग बंद हो जाती है।
4- बड़ी बैटरी का मतलब ज्यादा बैटरी लाइफ
यह भी मिथ है। बैटरी लाइफ का बैटरी की साइज से कोई लेना देना नहीं होता बल्कि हकीकत यह है कि क्षमता जितनी mAh ज्यादा होगी उतनी ही उसकी लाइफ होगी।
यह भी मिथ है। बैटरी लाइफ का बैटरी की साइज से कोई लेना देना नहीं होता बल्कि हकीकत यह है कि क्षमता जितनी mAh ज्यादा होगी उतनी ही उसकी लाइफ होगी।
5- पायरेट ब्राउजिंग सुरक्षित है
लोग जब अपने फोन पर कोई प्राइवेट जानकारी किसी ऐसी साइट से करते हैं जिसमें सर्च हिस्ट्री न दिख तब भी उनके सर्च के बारे में टेलीकॉम ऑपरेटर जानकारी रहती है। यानी पायीरेट ब्राउजिंग भी सुरक्षित नहीं है।
लोग जब अपने फोन पर कोई प्राइवेट जानकारी किसी ऐसी साइट से करते हैं जिसमें सर्च हिस्ट्री न दिख तब भी उनके सर्च के बारे में टेलीकॉम ऑपरेटर जानकारी रहती है। यानी पायीरेट ब्राउजिंग भी सुरक्षित नहीं है।
6- चार्जिंग के दौरान कॉल न करें
यह भ्रांति भी स्मार्टफोनों के लिए झूठ है। कुछ मामलों में बात करते हुए फोन में ब्लास्ट भी हुआ है। लेकिन ऐसा बैटरी में खराबी के कारण हुआ है न कि फोन की वजह से।
यह भ्रांति भी स्मार्टफोनों के लिए झूठ है। कुछ मामलों में बात करते हुए फोन में ब्लास्ट भी हुआ है। लेकिन ऐसा बैटरी में खराबी के कारण हुआ है न कि फोन की वजह से।
7- रेडिएशन से बचने के लिए फोन दूर रखें
कहते हैं मोबाइलों से काफी ज्यादा निकलता है जो सेहत के लिए खतरनाक है। लोग यहां तक कहते हैं कि नाजुक अंगों के पास जैसे पैंट की जेब में फोन नहीं रखना चाहिए। लेकिन हकीकत यह है किसी भी अच्छी कंपनी का फोन को एसएआर टेस्ट से गुजरना पड़ता है और इसके बाद उसका रेडिएशन स्तर खतरनाक स्तर पर नहीं रह जाता।
कहते हैं मोबाइलों से काफी ज्यादा निकलता है जो सेहत के लिए खतरनाक है। लोग यहां तक कहते हैं कि नाजुक अंगों के पास जैसे पैंट की जेब में फोन नहीं रखना चाहिए। लेकिन हकीकत यह है किसी भी अच्छी कंपनी का फोन को एसएआर टेस्ट से गुजरना पड़ता है और इसके बाद उसका रेडिएशन स्तर खतरनाक स्तर पर नहीं रह जाता।