जेलब्रेक व सिमी एनकाउंटर की जांच एनआईए से कराने पर संदेह
भोपाल/दिल्ली। ब्यूरो भोपाल में हुए सिमी आतंकियों के जेल ब्रेक मामले की जांच एनआईए (नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी) से कराने पर संदेह खड़ा हो गया है। अब तक राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को एनआईए जांच के लिए औपचारिक पत्र नहीं भेजा है।
मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने स्पष्ट किया कि डीजीपी ने घटना की सूचना एनआईए को दे दी है। उधर, नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के लिखित सिफारिश के बिना कैसे एनआईए जांच का फैसला लिया जा सकता है। गौरतलब है कि घटना के बाद ही सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकार वार्ता कर मामले की जांच एनआईए से कराने का एलान किया था।
इसके बाद मंगलवार को प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा था कि एनकाउंटर की जांच राज्य के बाहर की एजेंसी नहीं करेगी, एनआईए केवल जेल बे्रक मामले की जांच करेगी।
सरकार पीछे हटी
सूत्रों के मुताबिक भोपाल सेंट्रल जेल से सिमी के 8 आतंकियों के भागने के मामले की जांच एनआईए से कराने के मुद्दे से राज्य सरकार अब पल्ला झाड़ने लगी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय को औपचारिक पत्र भेजने के मामले में अधिकारी खुलकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। अफसरों का तर्क है कि एनआईए एक्ट में कहीं भी ये नहीं लिखा है कि जांच के लिए राज्य की ओर से पत्र भेजना अनिवार्य है।
डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला ने कहा कि हमने प्रक्रिया के तहत एनआईए को सूचित कर दिया है। अब उन्हें तय करना है कि वे जांच करेंगे अथवा नहीं। राजनाथ भी खुलकर बोलने से बचते रहे गृह मंत्री राजनाथ सिंह खुलकर बोलने से बचते रहे। इससे जुड़े सवालों को ये कहते हुए टाल गए कि राज्य सरकार अपने स्तर पर जांच करा रही है और जरूरी कदम उठा रही है।
राज्य सरकार की एनआईए जांच की मांग के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी ऐसी जांच के कोई आदेश नहीं दिए गए हैं। ऐसी जांच के लिए लिखित में उन्हें कोई सिफारिश नहीं मिली है। लिखित सिफारिश मिलने पर उचित फैसला लिया जाएगा।