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जेल में शशिकला की पड़ोसन है भारत की पहली महिला सायनाइड किलर

शशिकला ने कहा था कि वह कोई छोटी चोर नहीं कि खुली जीप में बैठें लेकिन जेल में उनके साथ सजा काट रही एक महिला किलर की तुलना में वह वाकई में छोटी पड़ गयीं।

नई दिल्ली। बेंगलुरु जेल में अन्नाद्रमुक की महासचिव शशिकला की पड़ोसन एक सीरियल किलर है, जो सात महिलाओं की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रही है। इस महिला सीरियल किलर को सायनाइड मलिका के नाम से जाना जाता है।

सीरियल किलर है शशिकला की पड़ोसन

46 वर्ष की केडी केमपम्मा को सायनायड मलिका के नाम से जाना जाता है। डीए केस में सजा काट रही एआइएडीएमके महासचिव शशिकला की वो जेल में पड़ोसन है। पुलिस के मुताबिक केमपम्मा अमीर महिलाओं को ही निशाना बनाया करती थी। उसने अलग – अलग नामों से अपराधों को अंजाम दिया था।

जयललिता की प्रशंसक रही है सायनाइड किलर

सायनायड मलिका केमपम्मा दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की प्रशंसक है। जब उसे वर्ष 2014 में बेंगलुरु जेल में डाला गया था उस वक्त सायनायड मलिका ने जयललिता से मिलने की इच्छा जाहिर की थी। 2012 में, सायनायड मलिका को दोषी ठहराया गया और मृत्युदंड की सजा दी गई, जो बाद में उम्रकैद में बदल गयी। बेंगलुरु के पाराप्पना अग्रहारा सेंट्रल जेल में शशिकला की पड़ोसन के तौर पर रह रही सायनाइड मलिका भारत की पहली महिला सीरियल किलर है जिसने सात महिलाओं की हत्या कर दी।

सायनाइड कैप्सूल से लेती थी जान

1999 से 2007 के बीच विभिन्न मंदिरों में सायनायड मलिका ने इन महिलाओं की हत्या की थी। सायनायड मलिका कर्नाटक के काग्गलिपुरा की रहने वाली है जहां वहां घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती थी। वह रातों रात अमीर बनना चाहती थी और इसलिए जिन घरों में काम करती थी वहां चोरी का सहारा लिया जहां एक चोरी के मामले में वह गिरफ्तार हुई। उसे एक साल के जेल की सजा हुई और इस घटना के बाद 1998 में उसके पति ने उसे छोड़ दिया।

चलाया चिट-फंड कंपनी

सजा भुगतने के बाद उसने चिट-फंड कंपनी शुरू की। यह कंपनी नुकसान में चली गयी और उसपर कर्ज का भारी बोझ आ पड़ा। बिजनेस में नुकसान के कारण सायनायड मलिका ने पैसा कमाने का नया रास्ता ढूंढा। सायनायड मलिका उन महिलाओं पर निशाना लगाती जो अच्छे घरों से होने के बावजूद किसी कारण परेशान होती थीं।

भगवान के नाम पर कारोबार

सायनायड मलिका उन महिलाओं की परेशानी जान भगवान के नाम पर समाधान दिलाने को लेकर अपने विश्वास में लेती। उन्हें विशेष पूजा के लिए सभी गहनों के साथ बुलातीं और उन्हें पोटैशियम सायनायड युक्त विभिन्न चीजें खाने को देती। उसने 1999 में बेंगलुरु में सबसे पहले 30 वर्षीय अमीर महिला को अपना शिकार बनाया।

गहने की दुकानों से लेती थी सायनाइड

गहने की दुकानों से सायनायड का इंतजाम कर सायनाइड मलिका अपना गंदा खेल खेलती थी। हर मामले में वह अपना नया नाम रखती। 2006 में सायनाइड मलिका ने बेंगलुरु की रेणुका की हत्या की जिनका शव गेस्ट हाउस से बरामद हुआ। पुलिस की जांच में किलर जयम्मा के बारे में कुछ सुराग मिले जो वास्तव में सायनाइड मलिका थी। पुलिस को जयम्मा की तलाश थी इस बीच सायनायड मलिका ने नागवेणी को अपना अगला निशाना बनाया। नागवेणी संतानहीन थी और वो सायनायड मलिका के झांसे में आ गयी। सायनाइड मलिका ने नागवेणी को मंदिर में विशेष पूजा के लिए बुलाया और उसे जहर दे दिया। नागवेणी के गहनों के साथ फरार हुई सायनायड मलिका को पुलिस ने पकड़ लिया।

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