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झारखंड के गढ़वा में बालू ठेकेदार और ग्रामीणों के बीच भीषण संघर्ष, चार की मौत

सोनभद्र से करीब 47 किलोमीटर दूर झारखंड के गढ़वा जिले में विशुनपुरा थाना क्षेत्र के जतपुरा गांव के पास बांकी नदी के पिपरी घाट पर बालू खनन को लेकर शुक्रवार की सुबह आठ बजे ग्रामीणों और ठेकेदार के बीच जबरदस्त भिड़ंत हो गई। 

झारखंड के गढ़वा में बालू ठेकेदार और ग्रामीणों के बीच भीषण संघर्ष, चार की मौतइसी थाना क्षेत्र के पिपरी गांव निवासी ठेकेदार ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इससे जतपुरा निवासी उदय यादव और उनके पुत्र निरंजन यादव, विमलेश यादव की गोली लगने से मौत हो गई।

तीन की मौत देखकर ग्रामीण उबल पड़े और ठेकेदार के एक मुंशी को उसके आवास में घेरकर जिंदा जला दिया। ग्रामीणों ने ठेकेदार संजीत और उसके साथ के लोगों का भी पीछा किया लेकिन वह फायरिंग करते हुए भाग निकले।

ग्रामीणों ने एक-एक कर वहां खड़े वाहनों में आग लगा दी। इसमें सुजीत की बोलेरो के साथ ही दो पोकलेन, 15 ट्रक और दो बाइक को आग लगा दी। 
गांव में फायरिंग और आगजनी की खबर मिलते ही विशुनपुर और नगर ऊंटारी थाने की पुलिस पहुंच गई लेकिन ग्रामीणों का रौद्र रूप देख शांत होकर खड़ी रही।

गुस्साए ग्रामीणों ने घंटों हंगामा किया, उनकी पुलिस से भी जमकर नोंकझोंक हुई। पुलिस ने शव उठाने की कोशिश की तो उसे भी रोक दिया। ग्रामीणों का कहना था कि बालूघाट के पास ही श्मशान घाट है। बालू के खनन से यहां गड्ढा हो जाएगा। इससे श्मशान घाट का वजूद ही मिट जाएगा।

वह लोग शांतिप्रिय तरीके से इसी मसले पर वार्ता के लिए पहुंचे थे और श्मशान घाट की बात कहते हुए बालू खनन रुकवा दिया। इससे खफा ठेकेदार संजीत ने फायरिंग शुरू कर दी, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई।

गुस्साए ग्रामीण ठेकेदार और उसके समर्थकों की तत्काल गिरफ्तारी और खनन पट्टा निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए थे। दोपहर करीब दो बजे के करीब पहुंचे एसपी आलोक ने प्रकरण में एफआईआर दर्ज करने के साथ ही, मामले में ठेकेदार और उसके समर्थकों की तलाश जारी होने की जानकारी दी।

एसपी ने ग्रामीणों को खनन पट्टा के संबंध में डीएम से वार्ता कर जरूरी पहल करवाने का आश्वासन दिया। कड़ी कार्रवाई के आश्वासन और श्मशान घाट का वजूद बनाए रखने के भरोसे के बाद शाम पांच बजे जाकर ग्रामीण किसी तरह शांत हुए। इसके बाद पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

 

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