भारतीय लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल का मानना है कि पुलवामा जैसे आतंकी हमलों को खत्म करने के लिए देश को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। आइए जानते हैं चहल ने और क्या कहा?
हो आर-पार की लड़ाई
चहल ने कहा, ‘इसे एक बार में ही खत्म कर देना चाहिए। हम इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकते। हर तीन महीने में सुनने को मिलता है कि हमारे जवानों ने आतंकी हमले में जान गंवा दी। हम चीजों के होने का इंतजार नहीं कर सकते। हमें चीजें करनी होंगी और हमें आमने-सामने इसका जवाब देना होगा, फिर चाहे इसका मतलब आर-पार की लड़ाई (जंग के मैदान में) क्यों ना हो।’
विश्व कप में खेलने न खेलने का फैसला बोर्ड का
भारत को विश्व कप के दौरान 16 जून को ओल्ड ट्रैफर्ड में पाकिस्तान से खेलना है और 28 साल के इस लेग स्पिनर ने कहा कि यह फैसला बीसीसीआई को करना है भारत को चिर प्रतिद्वंद्वी टीम का बहिष्कार करना चाहिए या नहीं। उन्होंने कहा ‘पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप मैच खेलने का फैसला बीसीसीआई और सरकार द्वारा लिया जाना चाहिए। एक या दो खिलाड़ी फैसला नहीं कर सकते लेकिन मुझे लगता है कि समय आ गया है और हमें आतंक के सरगनाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी।’
पाक से न खेलने की मांग जायज
केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि जो लोग विश्व कप क्रिकेट में पाक के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं वह कुछ हद तक ‘औचित्यपूर्ण’ है। उन्होंने कहा ‘मैं यह कहने के अलावा (क्रिकेट मामलों पर) कोई अन्य टिप्पणी नहीं कर सकता कि जो लोग इसकी मांग कर रहे हैं उनका कुछ औचित्य है। आप देख सकते हैं कि कई फिल्में और संगीत सम्मेलन रद हो गए हैं। चीजें सामान्य नहीं हैं। अगर चीजें सामान्य नहीं रहती हैं तो झप्पियां-पप्पियां का मामला रहेगा।’
प्रसाद हालांकि सीधे तौर पर मैच का बहिष्कार करने की अपील से बचते रहे और कहा कि बीसीसीआई और आईसीसी का काम है कि वह स्थिति का आकलन करके उसके अनुसार फैसला करे।