ट्रंप ने पाकिस्तान की इस बात के लिए भी आलोचना की कि उसने अलकायदा आतंकी ओसामा बिन लादेन को अपने छावनी शहर एबटाबाद के समीप छिपने का ठिकाना मुहैया कराया।
नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका के लिए कुछ नहीं करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ताजा बयान पर सोमवार को तीखी प्रतिक्रिया दी, उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अपनी विफलताओं के लिए पाकिस्तान को ‘बलि का बकरा’ बनाने के बजाय अमेरिका को यह पता लगाना चाहिए कि तालिबान पहले से भी अधिक मजबूत होकर क्यों उभरा है?
खान का बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही ट्रंप ने यह कहते हुए पाकिस्तान को लाखों डॉलर की सैन्य सहायता रोकने के अपने प्रशासन के फैसले का समर्थन किया कि पाकिस्तान ने आतंकवाद पर अंकुश पाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए। ट्रंप ने पाकिस्तान की इस बात के लिए भी आलोचना की कि उसने अलकायदा आतंकी ओसामा बिन लादेन को अपने छावनी शहर एबटाबाद के समीप छिपने का ठिकाना मुहैया कराया। आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की अगुवाई में लड़ाई में पाकिस्तान के रिकार्ड का बचाव करते हुए खान ने अपने ट्वीटों में कहा, ‘पाकिस्तान के खिलाफ ट्रंप के बयान पर रिकार्ड को सीधा-सीधा सामने रखने की जरुरत है। ‘उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई में भाग लेने का फैसला किया जबकि 9/11 के हमले में कोई भी पाकिस्तानी शामिल नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘इस लड़ाई में पाकिस्तान ने अपने 75,000 लोग गंवाए और 123 अरब डॉलर से अधिक रुपयों की बर्बादी हुई।’ इमरान ने कहा कि इसके लिए अमेरिकी सहायता बहुत थोड़ी थी। उन्होंने सुझाव दिया, ‘अपनी विफलताओं के लिए पाकिस्तान को बलि का बकरा बनाने के बजाय अमेरिका को इस बात का गंभीर मूल्यांकन करना चाहिए कि अफगानिस्तान में 140,000 नाटो सैनिकों और 250,000 अफगान सैनिकों को लगाने और एक हजार अरब डॉलर खर्च करने के बाद भी तालिबान पहले से आज अधिक मजबूत है।’ आर्थिक नुकसान के अलावा प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के कबायली इलाकों में अमेरिकी लड़ाई के प्रभावों को भी सामने रखा। उन्होंने कहा, ‘हमारे कबायली क्षेत्र तबाह हो गये और लाखों लोग बेघर हो गये। इस लड़ाई ने आम पाकिस्तानियों की जिंदगी पर बहुत बड़ा असर डाला’ उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान भूतल और वायु संचार के लिए मुक्त लाइन प्रदान कर रहा है।
क्या श्रीमान ट्रंप कोई और सहयोगी बता सकते हैं जिन्होंने ऐसा बलिदान दिया।’ इससे पहले पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन माजरी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की संदिग्ध भूमिका संबंधी ट्रंप की आलोचना पर हमला किया था। उन्होंने कहा था कि अमेरिका के राष्ट्रपति सुविधानुसार लगातार ऐतिहासिक स्मृतिलोप से ग्रस्त हैं। लादेन और एबटाबाद में उसके पूर्व परिसर का जिक्र करते हुए ट्रंप ने रविवार को फॉक्स न्यूज के साथ इंटरव्यू में कहा था, ‘आप जानते हैं, पाकिस्तान में और वो भी खूबसूरती से, जरा सोचिए, रहना जिसे मुझे लगता है कि वे अच्छा महल समझते थे, मैं नहीं जानता, मैंने अच्छे भवन देखे हैं।’ साल 2011 में अमेरिकी के नेवल स्पेशल वारफेयर डेवलपमेंट ग्रुप बल ने हेलिकॉप्टर से वहां हमला किया था और लादेन को मार गिराया था।