डायबिटीज के मरीजों के लिए राहत भरी खबर, अब आपके घाव जल्दी ही भर जाया करेंगे। एक ऐसा ‘रामबाण’ मिल गया है, जो दवाइयों से ज्यादा असरदार साबित होगा। अक्सर, डायबिटीज के मरीजों के घाव आसानी से नहीं भरते, लेकिन अब उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। पंजाब विश्वविद्यालय की रिसर्च स्कॉलर कनिका ठाकुर ने ‘यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम’ अमेरिका की मदद से एक स्केफ फोल्ड तैयार किया है।
यह लगाते ही मधुमेह के मरीजों के घाव दस दिन में भर जाएंगे। अब इन मरीजों के अंग घाव नहीं भरने के कारण बेकार नहीं होंगे और उन्हें काटने की भी नौबत नहीं आएगी। पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) केफार्मा विभाग के प्रोफेसर ओ. पी. कटारे और प्रो. भूपेंद्र सिंह के निर्देशन में अंबाला की कनिका ठाकुर रिसर्च कर रही हैं। इसी रिसर्च के दौरान कनिका को कॉमनवेल्थ स्कॉलर के लिए चुना गया था।
स्कॉलरशिप के रूप में उसे 40 लाख रुपये मिले। उसके बाद वह अमेरिका की ‘यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम’ चली गईं। उन्होंने वहां एक साल तक डायबिटिक मरीजों के घाव भरने के तरीके पर शोध किया। उन्होंने इलेक्ट्रोस्पेनिंग विधि से पॉलीमर का प्रयोग कर स्केफ फोल्ड तैयार किया। यह सिल्वर फॉयल की तरह है। इसी में दवा का प्रयोग किया गया है।
इसको मरीज के घावों पर लगा दिया जाता है, दस दिन के बाद उसे हटा देते हैं। घाव स्वत: ही भर जाता है। इसकी कीमत अमेरिका और भारत मिलकर तय करेंगे। माना जा रहा है कि मरीजों को इस पर अधिक रकम नहीं खर्च करनी पड़ेगी।
सामान्य मरीजों का घाव कम समय में भरेगा
सामान्य मरीजों के घाव भी अब सात से आठ दिन में भर जाएंगे। इसके लिए कनिका ठाकुर ने लिपिड बेस जेल तैयार किया है। यह बाजार में उपलब्ध फ्यूसिडिक क्रीम से अलग है। इसको नैनो और लाइकोजोयल फार्मूले से तैयार किया गया है। इसे दिन में केवल एक बार लगाना होगा। इसका पेटेंट भारत सरकार पास करेगी। इसकी रिसर्च स्टडी सरकार के पास जाएगी। वहां से मंजूरी मिलने के बाद पीयू इसे बाजार में उपलब्ध कराएगा। इसकी कीमत 100 से 150 रुपये के बीच होगी।
‘कनिका ठाकुर के रिसर्च परिणाम काफी अच्छे हैं। तैयार जेल सामान्य मरीजों के घावों को भरने में काफी कारगर होगा। वहीं स्केफ फोल्ड से डायबिटीज के मरीजों को लाभ मिलेगा।’
– प्रो. ओ. पी. कटारे (फार्मा डिपार्टमेंट, पंजाब विश्वविद्यालय)
डायबिटीज के मरीज
– 42.5 करोड़ मरीज पूरी दुनिया में
– 7.3 करोड़ से ज्यादा मरीज भारत में