डॉक्टरों ने सर्जरी की जगह इंजेक्शन से ठीक की VUR
लखनऊ. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में पहली बार बगैर चीरा लगाए सात साल के बच्चे के यूरीनरी ट्रैक्ट संक्रमण (वसाइको यूरेटेरिक रिफलक्स) को इंजेक्शन से ठीक करने में यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों को सफलता मिली है। बच्चे को बार-बार इस तरह का संक्रमण हो रहा था। इससे यूरीन के वापस किडनी में पहुंचने की आशंका थी। बच्चा अब स्वस्थ है। अभी तक इस तरह की बीमारी के लिए सर्जरी ही की जाती थी। डॉक्टरों के नए तरीके से बच्चे की परेशानी दूर हो गई और उसे दर्द भी नहीं हुआ।हरदोई निवासी राहुल को बचपन से ही वसाइको यूरेटेरिक रिफलक्स की समस्या हो रही थी। उसके घरवाले उसे स्थानीय नर्सिंग होम में दिखाते थे, लेकिन कुछ दिनों बाद फिर समस्या हो जाती थी। परिजन ऐसे में उसे लेकर केजीएमयू आए। यहां यूरोलॉजी विभाग के प्रो. विश्वजीत सिंह और एसोसिएट प्रोफेसर राहुल जनक सिन्हा ने अल्ट्रासाउंड कराया। रिपोर्ट से पता चला कि राहुल की एक किडनी में सूजन थी और इसकी ट्यूब (यूरेटर) भी चौड़ी थी।यूरीन कल्चर कराने पर इकोलाइट बैक्टीरिया का पता चला। डॉक्टरों ने इस पर पहले एंटीबायोटिक देकर बैक्टीरिया को खत्म किया। फिर एमसीयू जांच की गई।एमसीयू जांच में यूरीन की थैली में इंजेक्शन के जरिए दवा भरी जाती है। जो किडनी तक पहुंचती है। इस जांच से बच्चे को वसाइको यूरेटेरिक रिफलक्स का पता चला। इसके बाद सीरम क्रियेटिन और DSMA जांच हुई और किडनी सही पाई गई। इसके बाद दूरबीन विधि से इंजेक्शन लगाकर बच्चे के संक्रमण की समस्या दूर की गई।