डौंडियाखेड़ा खुदाई मामले से जिला प्रशासन ने पल्ला झाड़ा
लखनऊ। एक हजार टन सोने की तलाश में उन्नाव जिले के डौंडियाखेड़ा में राजा रामबख्श सिंह के किले में की गई खुदाई के बाद खाली हाथ रहा जिला प्रशासन अब पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ता नजर आ रहा है। गौरतलब है कि जब डौंडियाखेड़ा में खुदाई की शुरुआत हुई थी तो जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक दिनभर लगे रहे थे। यही नहीं वहां जिलाधिकारी ने पहला फावड़ा चलाया। राज्य सरकार ने भी उस समय इस मामले में काफी दिलचस्पी दिखाई थी पर अब जब डौंडियाखेड़ा में खुदाई में पूरी तरह निराशा हाथ लगी है तो प्रशासनिक अधिकारी पूरे मामले से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर को उन्नाव के जिलाधिकारी से प्राप्त सूचना से कुछ ऐसा ही नजर आता है। घटना के समय प्रशासनिक अधिकारियों ने जोर-शोर से प्रसारित किया था कि खुदाई स्थल पर जुटी भीड़ को देखते हुए डौंडियाखेड़ा में धारा 144 लगाई गई है पर आरटीआई की सूचना में कहा गया है कि धारा 144 खुदाई की भीड़ के लिए नहीं लगाई गई थी। विभिन्न राजनीतिक दलों अराजनीतिक संगठनों आदि के धरना-प्रदर्शन के दृष्टिगत पूर्व से ही लगाई गई थी। इसी प्रकार अब जिला प्रशासन का कहना है कि डीएम और एसपी को राज्य सरकार द्वारा डौंडियाखेड़ा जाने के कोई निर्देश नहीं मिले थे और न ही इस संबंध में कोई पत्राचार हुआ था बल्कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण नई दिल्ली के पत्र द्वारा डीएम और एसपी से खुदाई के समय राउंड द क्लाक सुरक्षा और सीसीटीवी कवरेज कराए जाने की गई अपेक्षा के क्रम में वे शांति और व्यवस्था सुनि>ित कराने के लिए मौके पर गए थे। जिला प्रशासन ने आरटीआई उत्तर में खुदाई से संबंधित खर्च और अन्य विवरण से भी खुद को अलग करते हुए यह कहा कि इनका संबंध पुरातत्व सर्वेक्षण से है।