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तमिलनाडु के सियासी घमासान में नया मोड़, कांग्रेस के समर्थन की अास में शशिकला

तमिलनाडु में सत्ता के लिए चल रहा सियासी घमासान एक नया मोड़ लेता नजर आ रहा है।

नई दिल्ली। तमिलनाडु में सत्ता के लिए चल रहा सियासी घमासान एक नया मोड़ लेता नजर आ रहा है। अबतक बहुमत साबित करने का दावा करने वाली एआईएडीएमके महासचिव शशिकला भी मुश्किल में हैं।बताया जा रहा है कि तमिलनाडु की सत्ता पर दावा पुख्ता करने के लिए शशिकला खेमे ने कांग्रेस से भी संपर्क किया है। कांग्रेस आलाकमान ने गुरूवार को तमिलनाडु के कांग्रेस प्रमुख थिरुनावुक्कारसर और विधायक दल के नेता के रामासामी को सियासी हालातों पर चर्चा और रणनीति बनाने के लिए दिल्ली तलब किया था।

तमिलनाडु की 234 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ AIADMK के पास कुल 135 विधायक हैं। खबर है कि विधायक कार्यवाहक सीएम पन्नीरसेलवम और पार्टी महासचिव शशिकला के बीच बंट चुके हैं। गौरतलब है कि गुरुवार रात को शशिकला ने राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मुलाकात के दौरान 129 विधायकों के समर्थन का दावा पेश किया था। जबकि उनके विरोधियों का मानना है कि शशिकला ने 100 विधायकों के समर्थन की बात स्वीकार की है। वहीं दूसरी ओर पन्नीरसेलवम का दावा है कि अगर राज्यपाल उन्हें मौका देते हैं तो विधानसभा में बहुमत साबित कर देंगे। वह भी तब जबकि फिलहाल उनके उनके साथ केवल 5 विधायक हैं।

इतना ही नहीं कार्यवाहक सीएम पन्नीरसेलवम का आरोप है कि पार्टी विधायकों को ईस्ट कोस्ट रोड पर गोल्डन बे रिजॉर्ट में बंधक बनाकर रखा गया है और वे भूख हड़ताल पर बैठे हैं। सूत्रों के मुताबिक सत्यमूर्ति भवन में विधायकों की बैठक के दौरान शशिकला का विरोध किया गया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिंदबरम ने भी कहा था कि यह लोगों से पूछा जाना चाहिए कि शशिकला सीएम पद के लायक हैं या नहीं। इस मामले में कांग्रेसी विधायकों का मानना है कि आलाकमान को इसपर उचित फैसला लेना चाहिए ताकि यह 1996 की तरह आत्मघाती साबित न हो। 1996 में कांग्रेस प्रमुख पीवी नरसिम्हा राव का कांग्रेस-डीएमके गठबंधन के खिलाफ जाकर जयललिता को समर्थन देना पार्टी के लिए घातक साबित हुआ था।

तमिलनाडु कांग्रेस प्रमुख के मुताबिक यह AIADMK का आंतरिक मामला है। एआईएडीएमके के विधायक ही यह तय करेंगे कि शशिकला नेतृत्व करेंगी या नहीं। उन्होंने इस मामले में केंद्र के रवैये पर भी सवाल उठाया। उन्हों कहा कि राज्यपाल को स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए। हालांकि उन्होंने इसपर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि AIADMK ने उनसे संपर्क किय है या नहीं।

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