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तमिलनाडु में ‘जल्लीकट्टू’ के दौरान तीन युवकों की गई जान, कई जख्मी

चेन्नई : तमिलनाडु में परम्परागत ‘जल्लीकट्टू’ (सांड़ को काबू में करने का खेल) के दौरान तीन युवकों की मौत हो गई। डिंडिगुल जिले के नल्लामन्नापट्टी गांव में पुनीता वनथु एंथोनियार चर्च उत्सव के हिस्से के रूप में वार्षिक ‘जल्लीकट्टू’ का आयोजन किया गया था। रविवार को हुए इस आयोजन के दौरान एक युवक की मौत हो गई जबकि 20 अन्य लोग बुरी तरह घायल हो गए। इस आयोजन के लिए 1000 सांडों को लाया गया है। जबकि सलेम और कोयंबटूर में भी ‘जल्लीकट्टू’ के दौरान दो युवकों की मौत हो गई। पुडुकोट्टई के रहने वाले प्रभाकरन को ‘जल्लीकट्टू’ के दौरान घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान इस युवक ने दम तोड़ दिया। जबकि डिंडिगुल में नागराज नामक युवक की मौत हो गई। नागराज एक बिगड़ैल सांड को काबू में करने की कोशिश कर रहा था और इसी कोशिश में वह बुरी तरह जख्मी हो गया था। इलाज के लिए नागराज को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके अलावा कोयंबटूर में सुभाष चंद्र बोस नामक युवक ने दम तोड़ दिया।

सांड़ को काबू में करने की कोशिश के दौरान ये युवक बुरी तरह जख्मी हो गया था। कोयंबटूर में आयोजित किए गए ‘जल्लीकट्टू’ कार्यक्रम में तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई थीं। इस दौरान ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु भी मौजूद रहे। पिछले साल भी तमिलनाडु में ‘जल्लीकट्टू’ के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी जबकि 30 लोग बुरी तरह से घायल हो गए हैं। ‘जल्लीकट्टू’ तमिलनाडु का पारंपरिक खेल है जिसमें खिलाड़ी सांड को काबू करने की कोशिश करते हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सी विजय भाष्कर ने करवाया था। पिछले साल, 424 खिलाड़ियों के अलावा 1354 सांडों को इसमें शामिल किया गया था।

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