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तमिलनाडु में 28 जुलाई से निजी अस्पतालों में मुफ्त लगेगा टीका, मुख्यमंत्री ने किया था एलान

तमिलनाडु के निजी अस्पतालों में लोगों को मुफ्त में कोविड के टीके उपलब्ध कराने की योजना 28 जुलाई को औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगी। सीएसआर की पहल के तहत मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसका एलान किया है। बता दें कि यह पहल हाल ही में चिकित्सा और परिवार कल्याण मंत्री मा सुब्रमण्यम की कंपनियों और राज्य भर के विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक के बाद की गई है।

मुख्यमंत्री एम के स्टालिन बुधवार (28 जुलाई) को शहर के कावेरी अस्पताल में औपचारिक रूप से इस योजना का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने बताया कि सीएसआर की पहल के तहत टीकों की खरीद के लिए होने वाला खर्च होटल व्यवसायी अड्यार आनंद भवन की ओर से वहन किया जाएगा और अस्पताल में टीके मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि अस्पताल के आसपास रहने वाले लोग इसका लाभ उठा सकते हैं।पिछले हफ्ते सुब्रमण्यम ने चेन्नई, तिरुवल्लूर, रानीपेट, चेंगलपेट, वेल्लोर, कांचीपुरम तिरुपथुर और कोयंबटूर के 137 अस्पतालों और उद्योगपतियों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की थी। सुब्रमण्यम ने कहा कि 28 जुलाई को निजी अस्पतालों में मुफ्त टीका कार्यक्रम शुरू करने के बाद यह योजना धीरे-धीरे जिलों में लागू की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस सेवा की पेशकश करने वाले अस्पताल इलाके में इस योजना का विज्ञापन करेंगे, जिससे जनता इसका लाभ उठा सके। बीती 23 जुलाई को सुब्रमण्यम ने कहा था कि केंद्र 21 जून से 75 प्रतिशत टीकों की खरीद के लिए लागत का खर्च वहन कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आशय की घोषणा की थी। जबकि शेष 25 प्रतिशत निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं को आवंटित किया गया है। सुब्रमण्यम ने स्पष्ट किया था कि मुफ्त टीकाकरण अभियान के साथ-साथ निजी अस्पतालों में दाम चुकाकर टीके लगवाने की व्यवस्था भी जारी रहेगी। एक कोविशील्ड वैक्सीन (सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की बनाई वैक्सीन) का दाम 780 रुपये प्रति खुराक पर तय किया गया है, जबकि कोवाक्सिन (भारत बायोटेक की वैक्सीन) की कीमत 1,410 रुपये है।

उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में जनता के लिए टीके पहले की तरह नि:शुल्क उपलब्ध हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अन्नाद्रमुक के शासन के दौरान शुरू की गई मुफ्त मास्क वितरण योजना की विभागीय जांच जारी है। सुब्रमण्यम ने कहा कि जब अन्नाद्रमुक सत्ता में थी तब द्रमुक ने विधानसभा में जनता को मुफ्त में मास्क बांटने का अनुरोध किया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि शुरुआत में द्रमुक के इस अनुरोध को खारिज कर दिया गया था, लेकिन बाद में राजस्व विभाग द्वारा इस योजना को लागू किया गया था। जो मास्क वितरित किए गए थे, वे घटिया थे। उन्होंने बताया कि विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।

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