उत्तर प्रदेशटॉप न्यूज़फीचर्ड
तय हुई ‘एक्शन’ की तारीख, ब्लैक मनी पर पीएम मोदी की सबसे बड़ी जीत
नई दिल्ली। काले धन को लेकर पीएम मोदी सख्त हो गए हैं। 30 सितंबर तक का वक्त है, काले धन को घोषित कर दो, नहीं तो उसके बाद चलेगा सरकारी डंडा।
केंद्र में सत्ता पर आने से पहले और बाद में भी पीएम मोदी ने ब्लैक मनी पर कई वादे किए थे। चुनाव के दौरान उन्होने वादा किया था कि वो काले धन को बाहर ला कर रहेंगे। हालांकि बाद में काले धन के मुद्दे पर सरकार की काफी आलोचना भी हुई थी। अब पीएम मोदी की तरफ से इस मुद्दे पर सख्ती अपनाने के संकेत दे दिए गए हैं। कालेधन को लेकर केंद्र सरकार ने एक्शन लेने का मन बना लिया है। इसके लिए बाकायदा तारीख भी तय कर दी गई है। पीएम मोदी सरकार 30 सितंबर के बाद काला धन रखने वालों के खिलाफ बड़े स्तर पर सख्त कार्रवाई करने वाली है। सरकार की तरफ से एक योजना शुरू की गई थी। वो योजना 30 सितंबर को खत्म हो रही है। जिसके बाद काले धन को लेकर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
केंद्र सरकार ने आय घोषणा योजना के जरिए काले धन को साफ करने का मौका दिया था। इस योजना की मियाद 30 सितंबर को खत्म हो रही है। जिन लोगों ने इस योजना के तहत टैक्स देकर काले धन साफ किया वो तो बच जाएंगे लेकिन जिन लोगों ने ये नहीं किया उनके लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। टैक्स नहीं देने वालों के खिलाफ सीबीडीटी के पास काफी जानकारियां और आंकड़ों के साथ सबूत भी हैं। सीबीडीटी ने अपने अधीन क्षेत्रीय इकाईयों को इन सूचनाओं का इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है। अब कार्रवाई की सख्ती और स्तर को लेकर चर्चा हो रही है। जिन लोगों के पास काला धन है और जिन्होने टैक्स नहीं दिया है वो सावधान हो जाएं। कार्रवाई के तहत आय घोषित करने वालों को बख्श दिया जाएगा। इस योजना में कुल आय पर 45 फीसदी टैक्स देकर बचा जा सकता है।
इसके अलावा टैक्स अथॉरिटीज भी काले धन को लेकर सूचनाओं से लैस हैं। अब तक कई गलत लेन-देन पकड़े जा चुके हैं। कई लोगों को नोटिस भी भेजा जा चुका है। सीबीडीटी का कहना है कि हमारे पास काफी जानकारियां इकट्ठी हो गई हैं। हम इन जानकारियों के आधार पर कार्रवाई का खाका तैयार कर रहे हैं। पीएम मोदी ने ब्लैकमनी पर साफ कर दिया था कि वो कोई समझौता नहीं करेंगे। काले धन पर सरकार सख्त कानून भी ला चुकी है। बेनामी संपत्ति कानून उनमें से एक है। ऐसे में 30 सितंबर के बाद काला धन रखने वालों की खैर नहीं है। सीबीडीटी के सूत्रों के मुताबिक टैक विभाग ने लगभग 7 लाख लोगों और संस्थानों को नोटिस भेजा है। यानि सात लाख लोग टैक्स विभाग की नजर में है। 30 सितंबर की तारीख खत्म होने के बाद इन सभी 7 लाख लोगों के पीछे टैक्स विभाग पड़ जाएगा।
साफ है कि 30 सितंबर के बाद किसी को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार की सख्ती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब गैर पैन डाटा का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यानि वो लेन देन जिनमें पैन कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया गया है वो भी अब विभाग की नजरों से छिप नहीं पाएगा। जानकारी के मुताबिक डिपार्टमेंट अपने पास की सूचनाओं का उपयोग करके नॉन-पैन ट्रांजैक्शन्स का पैन से मिलान कर रहा है। इसके अलापा कई टैक्स पेयर्स को खुद अपना पैन नंबर देने के लिए भी कहा जा रहा है। अब तक करीह एक लाख ट्रांजैक्शन का पैन नंबर से मिलान किया जा चुका है। इसके साथ ही टैक्स अथॉरिटी को ऐसे लोगों की इनकम की पूरी जानकारी जी जा रही है। इस कदम के बाद कई लोग दबाव में आकर खुद अपनी आय की घोषणा करने के लिए सामने आ सकते हैं।