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तलवंडी साबो में नहीं होगा सरबत खालसा, अब राजस्‍थान की तैयारी

बठिंडा जिले के तलवंडी साबो में 10 नवंबर को अब सरबत खालसा नहीं होगा और इसे अब राजस्‍थान में आयोजित करने की तैयारी है। इसके बावजूद पुलिस ने पूरे क्षेत्र की नाकेबंदी कर रखी है।09_11_2016-09sarbat1n

जेएनएन, बठिंडा। तलवंडी साबो में पंथक संगठनों की ओर से 10 नवंबर प्रस्तावित सरबत खालसा रद कर दिया गया है। इसके बावजूद तनाव कायम है और प्रशासन पूरी ऐहतियात बरत रहा है। तलवंडी साबो आैर तख्त श्री दमदमा साहिब सहित पूरे इलाके में सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी है। पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में बदल गया है। भारी पुलिस बल के साथ-साथ बीएसएफ व सीआरपीएफ की टुकडिय़ों तैनात हैं। पुलिस ने सभी रास्तों पर नाकेबंदी कर रखी है और हर वाहन पर नजर रखी जा रही है।

छावनी में बदला तलवंडी साबो, आने-जाने वाले सभी रास्तों पर नाकेबंदी

पंथक संगठनों के नेताओं सरबत खालसा अब राजस्थान में आयोजित किए जाने की बात कही है। इसके लिए राजस्थान में गुरुद्वारा बाबा सुक्खा सिंह महताब सिंह बुड्ढाजोड़ में बैठक रखी गई है। इसके बाद ही सरबत खालसा की जगह तय होगी, लेकिन पुलिस सुरक्षा के मामले में कोई समझौता करने के मूड में नहीं है।

तलवंडी साबो में सरबत खालसा समागम की जगह से टेंट भी वापस भेज दिया गया, लेकिन पंथक समर्थक अभी भी यही कर रहे हैं कि सरबत खालसा हर हाल में होगा, भले ही इसका स्थान बदल जाए।

तलवंडी साबो में सरबत खालसा की जगह। यहां से टेंट आदि भी हटा लिए गए हैं।

सरबत खालसा में इन मुद्दों पर होनी है चर्चा

पंथक नेताओं केअनुसार, सरबत खालसा में कई महत्वपूर्ण सिख मुद्दों पर चर्चा होने जा रही है। इनमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी सहित सिख राजनीतिक कैदियों, जल विवाद, वर्ल्ड सिख पार्लियामेंट, विभिन्न तख्तों के जत्थेदारों की चयन प्रक्रिया और ऐसे ही कई अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी।
कुछ लोग कर रहे धर्म पर सियासत: सुखबीर

” सरबत खालसा के दौरान अमन व कानून व्यवस्था भंग होने की आशंका है। इसी कारण प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है। कुछ लोग धर्म पर सियासत करना चाहते हैं। सरकार हर हाल में शांति व्यवस्था बनाए रखेगी।
-सुखबीर सिंह बादल, उपमुख्यमंत्री।
माहौल खराब नहीं होने देंगे: चीमा

” सरबत खालसा के नाम पर पंजाब का माहौल खराब नहीं होने दिया जाएगा। ये तो सरकार के विरुद्ध चुनाव लड़ा जा रहा है, ताकि सूबे सत्ता पर कब्जा किया जा सके। आप व कांग्रेस दोनों ही प्रदेश में माहौल खराब करने में लगी है।
-डॉ. दलजीत सिंह चीमा, कैबिनेट मंत्री।

सिखों को बांटा जा रहा : बिट्टा

” सिख कौम की सुप्रीम पावर श्री अकाल तख्त साहिब ही है। उनके जत्थेदार को ही सरबत खालसा समागम बुलाने का अधिकार है। 10 नवंबर को तलवंडी साबो में जो समागम प्रस्तावित है, वो सिख कौम को बांटने का प्रयास है। हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि श्री अकाल तख्त साहिब की छत्र-छाया में सिख कौम को एकजुट करें।
-मनिंदरजीत सिंह बिट्टा, ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष।

पंजाब में अघोषित इमरजेंसी: खैहरा

” बादल सरकार ने पंजाब में अघोषित आपातकाल लगा रखा है। सरबत खालसा के नेताओं को जबरदस्ती गिरफ्तार किया जा रहा है। लोकतंत्र में मौलिक अधिकार का खुलेआम हनन किया जा रहा है। शांतिप्रिय सिख व पंजाबियों की अपेक्षा आरएसएस जैसे कट्टर व जातिवादी संस्थाओं को अधिक आजादी है।
-सुखपाल सिंह खैहरा, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता।

 

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