‘तालिबान के अत्याचार को नहीं रोका गया तो उसका नुकसान सभी देशों को होगा’
काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान की ताकत दिनोंदिन बढ़ती जा रहीं है और यहां के हालात बदतर होते दिख रहे हैं। देश में चल रहे संघर्ष पर अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुलह परिषद (एचसीएनआर) के अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि यहां के संकट के प्रति विश्वभर के देशों को उदासीन नहीं रहना चाहिए और तालिबन को उसके द्वारा हिंसा को खत्म करने के लिए एक स्पष्ट संदेश देना चाहिए।
स्थानिय खामा प्रेस ने बताया कि कतर की राजधानी दोहा में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय अफगान शांति सम्मेलन हुआ। अफगान नेता ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। अपने संबोधन में उन्होंने ट्रोइका प्लस के प्रतिनिधियों को संबोधित किया जिसमें अमेरिका, चीन, पाकिस्तान, रूस, यूके, उज्बेकिस्तान, कतर, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ शामिल थे। अब्दुल्ला ने बताया कि तालिबान अपने कैदियों की रिहाई की मांग कर रहे है मगर देश में शांति के लिए कोई भी यागदान नहीं दे रहे है। तालिबान ने युद्ध को तक रोका जब अफगान सरकार ने उनके पांच हजार कैदियों के छोड़ दिया।
खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अफगान नेता सम्मेलन के सभी देशों को तालिबान के बढ़ते कदम पर चेतावनी देते हुए कहा कि अगर देश में चल रहे तालिबान के अत्याचार को नहीं रोका गया तो यह उन्हें भी नुकसान पहुंचाएंगे क्योंकि तालिबान के साथ दूसरे अन्य आतंकवादी संगठन भी जुड़ गए है और अफगानिस्तान में तालिबान के साथ लड़ रहे हैं। बीते 24 घंटों में अफगान सुरक्षा बलों ने तालिबान के 439 से अधिक आतंकियों को मार गिराया और 77 घायल हुए हैं।
बुधवार को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी बल्ख प्रांत के मजार-ए-शरीफ शहर का दौरा करने पहुंचे। उनका दौरा तब हो रहा है जब शहर में हिंसा बढ़ी हुई है और तालिबान ने अफगान के कई प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है। कुंदुज, लश्कर गाह, कंधार और अन्य अफगान शहरों में और उसके आसपास के ईलाकों में अफगान बल और तालिबान के बीच लड़ाई तेज हो गई हैं।