राज्य सरकार ने करीब तीन लाख बेसिक शिक्षकों को न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के दायरे में लाने का आदेश जारी कर दिया है। इसमें शिक्षकों के वेतन से दस फीसदी राशि की कटौती होगी और उतनी ही राशि राज्य सरकार भी देगी।
फिलहाल इस स्कीम का ट्रायल बाराबंकी से शुरू करने का फैसला किया गया है। अगले महीने से प्रदेश के सभी जिलों में इसे लागू कर दिया जाएगा।
एक अप्रैल 2005 या उसके बाद नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देने का प्रावधान नहीं है। सरकार ने उन्हें एनपीएस की सुविधा देने का फैसला किया। इसमें प्रत्येक शिक्षक और सरकार का अंशदान एकसमान रहेगा।
इसके लिए एनआईसी से विशेष सॉफ्टवेयर तैयार कराया गया है। इस महीने वेतन में से कटौती के ट्रायल के लिए बाराबंकी के 20 शिक्षकों को चुना गया है।
विभाग की योजना है कि इसे पूरे प्रदेश में लागू करने से पहले सॉफ्टवेयर का ठीक से परीक्षण कर लिया जाए। ट्रायल सफल होने पर इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के लिए सभी जिलों में लेखा विभाग के कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
ये सभी काम हर हाल में जून में पूरे करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि अगले महीने से सभी शिक्षकों को इसका लाभ दिया जा सके। इसके अलावा शिक्षकों को परमानेंट रिटायरमेंट एकाउंट नंबर (प्रान) दिलवाने की प्रक्रिया भी इसी महीने पूरी करवा लेने को कहा गया है।
बेसिक शिक्षा परिषद ने मांगा 500 करोड़ का बजट राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षकों को एनपीएस की सुविधा देने का फैसला तो ले लिया है, मगर इसके लिए अभी तक बजट जारी नहीं किया है। बेसिक शिक्षा परिषद ने शासन को पत्र भेजकर इस मद में 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है, ताकि सरकार का अंशदान भी समय से जमा कराया जा सके।
सूत्रों के मुताबिक, चूंकि राज्य सरकार से सहमति लेकर ही बाराबंकी में ट्रायल शुरू किया जा रहा है, इसलिए बजट मिलने में कोई अड़चन नहीं आएगी।