एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आने के बाद बयानबाजियों का दौर भी तेज हो गया है और दोस्ती की नई परिभाषा गढ़ी जा रही है। अब पार्टियों में परिणाम के बाद की रणनीति पर मंथन हो रहा है। सियासी गहमागहमी के बीच अब भाजपा के तेलंगाना प्रदेश अध्यक्ष ने टीआरएस की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। उन्होंने त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष और कार्यकारी मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को समर्थन देने की बात कही है।
समर्थन को लेकर भाजपा ने रखी शर्त
भाजपा के तेलंगाना अध्यक्ष के. लक्ष्मण ने कहा कि किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में भाजपा टीआरएस का समर्थन करेगी। नतीजों से पहले भाजपा के रुख में आए इस परिवर्तन के लिए एक शर्त भी रखी है। उन्होंने कहा कि टीआरएस को यह साफ करना होगा कि वह कांग्रेस या ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का समर्थन नहीं लेगी। दिलचस्प है कि केसीआर और ओवैसी आधिकारिक रूप से साथ नहीं है मगर चुनाव से पहले सार्वजनिक तौर पर दोस्ती की बात स्वीकार कर चुके हैं।
तेलंगाना चुनाव को लेकर आए ज्यादातर एग्जिट पोल टीआरएस की बहुमत वाली सरकार बनने की बात कह रहे हैं। 119 सीटों वाली विधानसभा में टीआरएस को पूर्ण बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया है।
इस बार चुनाव में असल जंग तेलंगाना राष्ट्र समिति और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी और वामपंथी दलों के संयुक्त प्रजा कुटमी गठबंधन के बीच देखने को मिली। बता दें कि 2014 में भाजपा को पांच सीटों पर जीत मिली थी जबकि इस बार भाजपा ने अकेले विधानसभा चुनाव लड़ा। एग्जिट पोल में भाजपा को 5 से 6 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।