उत्तर प्रदेशराज्य
दारुल उलूम ने बताया क्या है महिलाओं के काम, जो हैं इस्लाम के खिलाफ
सहारनपुर.मुस्लिम महिलाओं के लिए दारुल उलूम देवबंद की ओर से एक फतवा जारी किया गया है। फतवे में मुस्लिम महिलाओं की हेयर कटिंग और आइब्रो बनवाने को नाजायज करार दिया गया है। यहां के फतवा डिपार्टमेंट के मौलाना लुतफुर्रहमान सादिक कासमी ने इसे जायज ठहराया है। उन्होंने कहा कि दारुल उलूम को ये फतवा काफी पहले ही जारी कर देना चाहिए।
शख्स ने पूछा था सवाल, जवाब में जारी हुआ फतवा
– कुछ दिन पहले सहारनपुर के एक शख्स ने फतवा डिपार्टमेंट से सवाल किया था, “क्या पत्नी आइब्रो बनवा सकती है और बाल कटवा सकती है।’
– डिपार्टमेंट ने फतवा जारी करते हुए कहा- इस्लाम में आइब्रो बनवाने और बाल काटने की इजाजत नहीं है। अगर कोई महिला ऐसा करती है तो वह इस्लाम के खिलाफ है।
– डिपार्टमेंट ने फतवा जारी करते हुए कहा- इस्लाम में आइब्रो बनवाने और बाल काटने की इजाजत नहीं है। अगर कोई महिला ऐसा करती है तो वह इस्लाम के खिलाफ है।
क्या तर्क दिया फतवा डिपार्टमेंट ने?
– फतवा डिपार्टमेंट ने तर्क दिया, “महिलाओं के लिए जो दस पाबंदियां बताई गई हैं, उनमें बाल काटना और आइब्रो बनवाना भी शामिल है। बाल महिलाओं की खूबसूरती होती है। जब तक कोई मजबूरी ना हो, तब तक बाल नहीं कटवाने चाहिए। बिना किसी मजबूरी के बाल कटवाना नाजायज है।’
ब्यूटीपार्लर का इस्तेमाल सही नहीं- मौलाना
– मौलाना लुतफुर्रहमान ने कहा, “मुस्लिम महिलाएं इन दिनों ब्यूटीपार्लर का काफी इस्तेमाल कर रही हैं, जो सही नहीं है। जिस तरह पुरुषों का दाढ़ी कटवाना नाजायज है, उसी तरह महिलाओं का बाल कटवाना और आइब्रो बनवाना भी गलत है।
– बता दें, महिलाओं के आइब्रो बनवाने और बाल कटवाने को लेकर दारुल उलूम से पहले भी फतवे जारी हो चुके हैं। करीब तीन साल पहले भी इस तरह का एक फतवा जारी हुआ था।
– बता दें, महिलाओं के आइब्रो बनवाने और बाल कटवाने को लेकर दारुल उलूम से पहले भी फतवे जारी हो चुके हैं। करीब तीन साल पहले भी इस तरह का एक फतवा जारी हुआ था।
ऑनलाइन है फतवा डिपार्टमेंट
– दारुल उलूम की ओर से जारी होने वाले फतवों के लिए दारुल उलूम में का फतवा डिपार्टमेंट ऑनलाइन भी है। इस डिपार्टमेंट में लेटर भेजकर या आॅनलाइन फतवा लिया जा सकता है। लोग इस्लाम से जुड़े सवालों का जवाब भी इस डिपार्टमेंट से मांग सकते हैं।