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दिल्ली एम्स के हज़ारों कर्मी 15 जून से हड़ताल की तैयारी में, दी चेतावनी

नई दिल्ली: कोरोना काल में दिल्ली एम्स के सैंकड़ों कर्मचारियों ने मास लीव पर जाने की तैयारी कर ली है। बुधवार को एम्स के निदेशक को चेतावनी भरा ईमेल भेजते हुए कर्मचारियों ने आगामी 10 जून को मास लीव और 15 जून से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। 

दरअसल विभिन्न मांगों को लेकर एम्स में नर्सिंग यूनियन पिछले कई दिनों से विरोध दर्ज करा रही है। 29 मई को भी यूनियन की ओर से प्रबंधन को शिकायत की थी लेकिन आरोप है कि उनकी मांगों पर सुनवाई न होने की वजह से अब उनके पास हड़ताल के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

कोरोना वायरस को लेकर किसी भी अस्पताल में यह पहली सबसे बड़ी हड़ताल हो सकती है। एम्स के नर्सिंग कर्मचारियों का कहना है कि वे पिछले तीन दिन से एम्स निदेशक कार्यालय में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। 1 जून से वह हर दिन निदेशक कार्यालय में जाते हैं ताकि उनकी सुनवाई हो सके लेकिन अब तक किसी भी अधिकारी ने उनकी मांग पर चर्चा नहीं की है।

इससे पहले भी कई बार एम्स प्रबंधन को पत्र व्यवहार करते हुए कोरोना योद्धाओं की मांगों के बारे में बता चुके हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए बुधवार को यूनियन की ओर से निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया को ईमेल करते हुए 10 जून को मास लीव पर जाने और 15 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की जानकारी दी गई है।

ड्यूटी चार घंटे करने की मांग 
ड्यूटी 4 घंटे करने समेत अन्य मांगों को लेकर नर्सिंग यूनियन का प्रदर्शन एम्स प्रशासन के खिलाफ लगातार तीसरे दिन बुधवार को भी जारी रहा। कर्मचारियों ने एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया के नाम एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने कई मांगें रखी हैं। 

कर्मचारियों का कहना है कि उनकी ड्यूटी छह के बदले 4 घंटे की जाए। साथ ही रोटेशन पॉलिसी के तहत उनकी ड्यूटी लगाई जाए। यूनियन के अध्यक्ष हरीश काजला ने बताया कि कोविड-19 वार्ड में स्वास्थ्य कर्मचारी पीपीई किट पहनकर लगातार छह घंटे से आठ घंटे तक काम कर रहे हैं। इससे कई कर्मचारियों की सेहत खराब हो गई है, खासतौर पर महिला कर्मियों की।

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