दिल्ली

दिल्ली के मंत्री ने किया आंगनबाड़ियों के किचन का दौरा, गड़बड़ियां मिलने पर जांच के आदेश

sandeep_146400166676_650x425_052316045245केजरीवाल सरकार के मंत्री संदीप कुमार सोमवार सुबह अपने अधिकरियों की टीम के साथ उन किचन का औचक दौरा करने पहुंचे जहां आंगनबाड़ी के लिए खाना बनाया जाता है. कई गड़बड़ियां पाए जाने के बाद संदीप कुमार ने 2 प्रोजेक्ट वापिस लेने के साथ ही जांच के आदेश दे दिए हैं.

पैकेट पर नहीं थी पैकिंग और एक्सपायरी डेट
शुरुआत में संदीप कुमार साउथ दिल्ली में श्रीनिवास कॉलोनी के एक किचन में पहुंचे. यहां पहुंचकर उन्हें पता चला कि वहां से किचन ही शिफ्ट कर दिया गया था, जिसकी जानकारी खुद मंत्री जी को नहीं थी. यहां से मंत्री जी को खाली हाथ लौटना पड़ा. हालांकि इसके बाद मंत्री जी का काफिला आगे बढ़ा और गलियों में किचन ढूंढती गाड़ियां ईस्ट ऑफ कैलाश इलाके में पहुंचे. संदीप कुमार ने जाते ही सवालों की बौछार कर दी. मंत्री जी को जवाब भले न मिला हो लेकिन वहां के हालात सब कुछ बयां कर रहे थे. यहां छोटे बच्चों को खिलाने वाला पंजीरी पाउडर के पैकेट पर न तो पैकिंग की तारीख थी और न ही एक्सपायरी डेट, जबकि कई पंजीरी के पैकेट भी खुले हुए पाए गए.

आग बुझाने के उपकरण खराब
6×6 के कमरे में खाना बनाया जा रहा है लेकिन अगर इस दौरान तंग कमरों में आग लग जाए तो बुझाने के लिए इस्तेमाल होने वाले फायर उपकरण भी खराब मिले. इसके अलावा जब स्टाफ से पूछा गया तो पता चला कि उन्हें फायर उपकरण चलाना भी नहीं आता.

खाने बनाने के लिए फिल्टर्ड पानी का इस्तेमाल नहीं
इसके बाद बच्चों के लिए तैयार किया जा रहा हलवा जब मंत्री जी ने चखा तो हलवा के स्वाद पर ही सवाल खड़े कर दिए. खाना बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला पानी भी RO युक्त नहीं था.

पैकिंग डेट थी 25 मई
इसके बाद संदीप कुमार की टीम सिद्धार्थ बस्ती के एक किचन पहुंची लेकिन यहां हालात बद से बद्तर मिले. यहां पंजीरी के जो पैकेट मिले उनमें पैकिंग की तारीख 25 मई लिखी हुई थी जबकि आज 23 मई है. मंत्री जी के सवाल पर वहां मौजूद सुपरवाइजर सफाई देती नजर आई. सबसे बड़ी लापरवाही कैमरे में कैद हुई जहां खाना पकाने के लिए घरेलू गैस का इस्तेमाल किया जा रहा है जबकि नियम के मुताबिक कॉमर्शियल गैस सिलिंडर का इस्तेमाल होना चाहिए.

2 महीने में जांच रिपोर्ट देने का आदेश
संदीप कुमार अपनी टीम को लेकर कोटला पहुंचे, जहां बिना वेंटिलेशन वाले एक बंद कमरे में बनी किचन की हालत उतने ही बेहाल थी, जितनी बाकि किचन में. मंत्री जी ने जब महिला कर्मचारी से फायर उपकरण चलाने को कहा तो उसने मशीन उठाई और चलाना शुरू किया था कि महिला के हाथ से मशीन बेकाबू हो गई. फिलहाल तीनों जगहों के हालात देखते हुए मंत्री संदीप कुमार ने 2 प्रोजेक्ट को वापिस लेने की बात कही और स्वतंत्र एजेंसी से जांच के आदेश दिए, जिसकी रिपोर्ट 2 महीने के अंदर देने को कहा है.

इससे पहले दिल्ली सरकार ने आंगनबाड़ीयों को सही इंतजाम करने की चेतावनी दी थी, लेकिन इसके बावजूद किसी तरह का सुधार नजर नहीं आया. ऐसे में सवाल ये भी खड़ा होता है कि महिलाओं और बच्चों के लिए तैयार किए जाने वाले भोजन के साथ, इतनी बड़ी लापरवाही को क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है.

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