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दिल्ली में भुखमरी से 3 बच्चियों की मौतः बीजेपी ने केजरीवाल पर हमला करते हुआ बोली, ‘मीठा-मीठा गप और कड़वा-कड़वा थू!’

देश की राजधानी दिल्ली में तीन बच्चियों की मौत भूख से तड़प तड़पकर हुई थी। मंगलवार को मंडावली में मृत मिली इन बच्चियों के पोस्टमार्टम के बाद लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के डॉक्टरों ने देश को शर्मसार करने वाला यह खुलासा किया।

दिल्ली में भुखमरी से 3 बच्चियों की मौतः बीजेपी ने केजरीवाल पर हमला करते हुआ बोली, 'मीठा-मीठा गप और कड़वा-कड़वा थू!'इसी मामले में बृहस्पतिवार सुबह ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन बच्चियों की मां से मिलने पहुंचे। मिलने के बाद माकन ने इस पूरे मामले को स्तब्ध करने वाला बताया और कहा कि यह सिस्टम और केजरीवाल सरकार की विफलता है।

उन्होंने इस घटना के बाद दिल्ली सरकार पर सवाल भी उठाए जो कुछ इस प्रकार हैं-
-उन्होंने कहा, परिवार के पास राशन कार्ड नहीं है।
-बड़ी बेटी सरकारी स्कूल में पढ़ती थी उसे मिड डे मील मिलना चाहिए था।
-सिर्फ कागजों पर हमारे पास आम आदमी कैंटीन भी है।

वहीं बीजेपी विधायक और सदन में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने भी केजरीवाल पर तंज करते हुए ट्वीट किया ‘दिनभर भाजपा फोबिया से ग्रस्त ट्वीट करने वाले सीएम केजरीवाल ने ना तो दिल्ली में 45 मिनट की बारिश में डूबी बस पर और ना ही अब तीन बच्चों की भूख से मौत पर ट्वीट या जिम्मेदारी व्यक्त की। आप नेताओं का तो ये हाल है कि मीठा-मीठा गप और कड़वा-कड़वा थू!’

गौरतलब है कि पोस्टमार्टम में बच्चियों शिखा (8), मानसी (4), पारुल (2) के पेट में खाने का एक भी अंश नहीं मिला। डॉक्टरों के अनुसार, उन्हें कई दिनों से खाना नहीं मिला था। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर बताया कि सरकार ने मामले की मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दे दिए हैं।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट- बच्चियों के पेट में अन्न और फैट दोनों नहीं था

देर रात जीटीबी अस्पताल में मेडिकल बोर्ड से दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया, उसमें भी भूख से बच्चियों की मौत की पुष्टि हुई। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि बच्चियों के पेट में अन्न और फैट दोनों नहीं था। सबसे छोटी बच्ची का शरीर ज्यादा कमजोर था। उसके हाथ-पैर बिल्कुल कंकाल जैसे दिख रहे थे।

पुलिस के मुताबिक बच्चियों का पिता मंगल ए-83, गली नंबर-14, साकेत ब्लॉक, मंडावली में रहता था। वह मकान मालिक मुकुल मेहरा का रिक्शा चलाता था लेकिन कुछ दिनों पहले असामाजिक तत्वों ने नशीला पदार्थ सुंघाकर रिक्शा लूट लिया।

इससे वह कमरे का किराया भी नहीं दे पा रहा था। मंगल की पत्नी वीणा ने पुलिस को बताया कि शनिवार को मकान मालिक ने उसे कमरे से भी निकाल दिया। इसके बाद मंगल पत्नी व तीन बच्चियों को लेकर पंडित चौक स्थित अपने दोस्त नारायण के कमरे पर आ गया। रुपये न होने के कारण उन्हें खाना नहीं मिला।

इससे बच्चियां बीमार हो गईं। वीणा ने उन्हें दवाइयां भी दी थीं। रविवार को पड़ोसियों को पता चला तो उन्होंने बच्चियों को खाना दिया, लेकिन वे बीमारी के कारण खाना खा नहीं र्पाइं। दोपहर के समय बच्चियां बेहोश हो गईं तो वीणा तीनों को लेकर एलबीएस अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 

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