दुनिया का सबसे ज्यादा ट्रैफिक है बंगलूरू में, मुंबई चौथे नंबर पर
दिल्ली की सड़कों पर लगने वाला जाम और ट्रैफिक दुनिया के बड़े-बड़े नामी-गिरामी शहरों को टक्कर दे रहा है। अर्बन मोबिलिटी के क्षेत्र में काम करने वाली स्वायत्त संस्था और लोकेशन टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ टॉमटॉम ने अपना नौंवा संस्करण प्रकाशित किया है। जिसके ताजा सर्वे में दुनिया के सबसे भीड़-भाड़ वाले दस शहरों के नाम हैं। सर्वे के नतीजों के अनुसार टॉप 10 शहरों में भारत के चार शहर शामिल हैं और इस सूची में मुंबई चौथे और देश की राजधानी दिल्ली आठवें स्थान पर है। वहीं एशिया के सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाले शहरों में औसतन 56 प्रतिशत के साथ दिल्ली का स्थान पांचवां है। इस सूची में बंगलूरू पहले स्थान पर है।
सर्वे से पता चला है कि दिल्लीवासियों को पीक ऑवर्स में गाड़ी चलाते समय अन्य शहरों की तुलना में सालाना 190 घंटे ज्यादा खर्च करने पड़ते हैं। जो कुल मिलाकर 7 दिन और 22 घंटों के बराबर हैं। सर्वे से यह भी पता चला है कि पिछले साल 23 अक्तूबर को सबसे ज्यादा ट्रैफिक रहा, जो 81 प्रतिशत था।
इस दिन ज्यादा ट्रैफिक होने का कारण नौकरी की मांग को लेकर देशभर से आए सैकड़ों दिव्यांग छात्रों का मंडी हाउस के गोल चक्कर पर धरने पर बैठना था। जिसके कारण भारी जाम लग गया। वहीं सबसे कम भीड़ 21 मार्च को रही। जो केवल छह प्रतिशत थी। टॉमटॉम के ट्रैफिक इंडेक्स में एक राहत वाली बात निकलकर सामने आई है।
इंडेक्स के अनुसार 2018 की तुलना में दिल्ली में ट्रैफिक कंजेशन दो प्रतिशत कम हुआ है। इसकी वजह कुछ नए फ्लाईओवरों का खुलना भी है। टॉमटॉम ने आठ लाख से ज्यादा आबादी वाले दुनिया के 57 देशों के 416 शहरों में सर्वे किया है। भारतीय शहरों को 2017 में पहली बार वैश्विक रैंकिंग में शामिल किया गया था।
ताजा सर्वे के अनुसार ट्रैफिक के मामले में भारत का बंगलूरू शहर पहले स्थान पर है। जहां कंजेशन औसतन 71 प्रतिशत दर्ज किया गया। यहां 20 अगस्त को सबसे ज्यादा ट्रैफिक कंजेशन रहा। वहीं 65 प्रतिशत कंजेशन के साथ मुंबई चौथे और 59 प्रतिशत के साथ पुणे पांचवे नंबर पर है। इस तरीके से देखा जाए तो दिल्ली बेहतर स्थिति में है।
टॉप 10 की सूची में शामिल अन्य शहरों में मनीला दूसरे, बगोटा तीसरे, मॉस्को छठे, लीमा सातवें, इस्तानबुल नौवें और जकार्ता दसवें नंबर पर हैं। टॉमटॉम के रणनीतिक व्यापार विकास प्रबंधक विनोद कुमार ने कहा, ‘हमें दुनिया भर में कई स्रोतों से डाटा मिलता है और कुछ सेकंड में हमें लगभग 600 मिलियन उपकरणों से अपडेट मिलता है।’