दुनिया 2०5० में करेगी खाद्य संकट का सामना
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वाशिंगटन। अमेरिका की एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने दावा किया है कि आज से 4० साल बाद दुनिया को भोजन की किल्लत से सामना करना होगा जिसका एक-एक व्यक्ति और सरकार पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। एजेंसी के खाद्य सुरक्षा ब्यूरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक सलाहकार फ्रेड डैविस ने कहा ‘‘मानव इतिहास में पहली बार जमीन जल और ऊर्जा की अनुपलब्धता के कारण खाद्य उत्पादन प्रभावित होगा।’’ इस सप्ताह वाशिंगटन डीसी में उत्तरी अमेरिका कृषि पत्रकार के एक सम्मेलन में उन्होंने कहा ‘‘2०5० तक खाद्य का मुद्दा राजनीतिक रूप से उतना ही संवेदनशील हो जाएगा जितना आज ऊर्जा का मुद्दा है।’’ डेविस के मुताबिक 2०5० तक दुनिया की आबादी 3० फीसदी बढ़कर नौ अरब हो जाएगी। उनकी जरूरतें पूरी करने के लिए खाद्य उत्पादन में 7० फीसदी वृद्धि करना होगा। कृषि उत्पादन खाद्य सुरक्षा पर्यावरण स्वास्थ्य पोषण और मोटापा ये सभी मुद्दे आपस में जुड़े हुए हैं। डेविस ने कहा है कि जहां हमें भोजन की आपूर्ति बढ़ने के बारे सोचना है वहीं इस पर शोध खर्च में कटौती की जा रही है। इसके साथ ही नई प्रौद्योगिकी दुनिया भर के छोटे किसानों तक पहुंच नहीं पाती हैं। डेविस ने कहा ‘‘जहां एक और अधिक सक्षम प्रौद्योगिकी का विकास करने की जरूरत है वहीं किसानों के लिए स्थानीय स्तर पर इसकी उपलब्धता भी जरूरी है।’’