देश भर में अलगाववादियों की बेनामी संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी
इसके अलावा अलगाववादियों के ठाठ पर कैंची चलाने की भी तैयारी है। अलगाववादियों की सुरक्षा और अन्य सुविधाओं पर सरकार हर साल लगभग 20 करोड़ रुपये खर्च करती है। अलगाववादियों को विमान से यात्रा, होटल खर्च और चिकित्सा सुविधा भी दी जाती रही है। इन सुविधाओं में से अधिकांश का बोझ रियासत सरकार उठाती है।
गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद फंटूस को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। अब गिलानी के दोनों बेटों नसीम और नईम से भी पूछताछ की तैयारी है। गिलानी, शब्बीर शाह और मलिक पर प्रवर्तन निदेशालय के मुकदमे पहले से चल रहे हैं। अलगाववादियों ने इसमें जांच एजेंसियों को अब तक कोई सहयोग नहीं किया है।
पुराने मामलों में गिलानी और मलिक की गिरफ्तारी के पुख्ता आधार हैं, लेकिन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अभी अलगाववादियों के बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के पक्ष में नहीं है। महबूबा ने केंद्रीय गृह मंत्री से इस संबंध में बातचीत की है। केंद्र ने महबूबा को कानून को अपना काम करने देने की नसीहत दी है।
गिरफ्तार अलगाववादी नईम खान की 19 बड़ी संपत्तियों पर भी एनआईए और प्रवर्तन निदेशालय की नजर है। शब्बीर शाह के पास पहलगाम में होटल के अलावा दिल्ली में भी फ्लैट है। कश्मीर में भी कई मकान हैं। यासीन मलिक का श्रीनगर लाल चौक में शापिंग कांप्लेक्स है। मीरवाइज के पास राजोरी कदल में शापिंग कांप्लेक्स और लाल बाजार में 21 दुकानें हैं।