ज्ञान भंडार
देश में कोई कानून नहीं जो ऐसे दवा बिक्री की इजाजत देता हो
दस्तक टाइम्स/एजेंसी- महाराष्ट्र:
मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा-सरकार मूकदर्शक बनने की बजाय ऑनलाइन दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने के लिए जरुरी कदम उठाए। ड्रग इंस्पेक्टर को कार्रवाई के निर्देश दे। पेशे से लेक्चरर मयूरी पाटील की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ये निर्देश दिए।
हाईकोर्ट ने कहा-ऑनलाइन बिक्री के लिए दवा कहां से आ रही है? इसका वितरक कौन है? यह पता लगाकर सरकार जरुरत पड़ने पर वितरक का लाइसेंस रद्द करे। अभी देश में कोई कानून नहीं है जो इस तरह से दवा की बिक्री की इजाजत देता हो। यह नियमों का उल्लंघन है। हाईकोर्ट ने फिलहाल मामले की सुनवाई 26 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
सुझाव
न्यायमूर्ति नरेश पाटील व न्यायमूर्ति एसबी सुक्रे की खंडपीठ ने सरकार को सुझाव दिया , इंटरनेट फार्मेसी को मजबूत करने के लिए ऐसे देशों के कानून का अध्ययन करे, जहां इसकी अनुमति है। इसके बाद तय करे की वह ऑनलाइन दवा बेचने की व्यवस्था को जारी रखना चाहती है या नहीं?
जल्द जारी करेगी दिशा-निर्देश
सरकारी वकील प्रियभूषण काकडे़ ने कहा-सरकार ने ऑनलाइन दवा की बिक्री को रोकने के लिए सब कमेटी बनाई है। कई राज्यों के एफडीए आयुक्तों की इस विषय पर चर्चा हुई है। सरकार ने इस पहलू पर गैर सरकारी संस्थाओं,कंपनियों व एसोसिएशन से सुझाव मंगाए है। सरकार जल्द ही इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करेगी। इसके अलावा हमने स्नैपडील व एक और अन्य ऑनलाइन कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सरकार की कार्रवाई जारी है।