दोस्त को किडनी देने के लिए अपने परिवार और कोर्ट में लड़ी ये महिला
राजस्थान की रहने वाली एक महिला ने अपने आर्मी ऑफिसर दोस्त को किडनी देने के लिए परिवार से लेकर कोर्ट तक में लंबी लड़ाई लड़ी और आखिर में उसकी जीत हुई। उसने अपने दोस्त को नया जीवन दे दिया। वह ऐसा न करे इसके लिए उसके परिवार ने सरकार से भी हस्तक्षेप करने को कहा था। मामला राजस्थान की रहने वाली वर्षा शर्मा (48) का है। उसने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। अब जाकर उसे अपने दोस्त को किडनी देने की इजाजत मिली है।
किडनी डोनर और गिफ्ट ऑफ लाइफ अडवेंचर फाउंडेशन के फाउंडर अनिल श्रीवास्व का कहना है कि वर्षा ने 27 जुलाई को अपने दोस्त कर्नल पंकज भार्गव को किडनी दी। यह ऑपरेशन कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल में हुआ। उन्होंने बताया कि वर्षा पिछले एक साल से पंकज के संपर्क में थी।
परिवार वाले थे खिलाफ
इस मामले में पता चला है कि वर्षा साल 2017 से ही अपने दोस्त को किडनी देना चाहती थी लेकिन उसके परिवार वाले नहीं चाहते थे कि वह ऐसा कुछ करे। 10 अप्रैल को मामले में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने राज्य प्राधिकरण समिति और अस्पताल के ट्रांसप्लांट पैनल को खत लिखा और कहा कि इस डोनेशन को रोका जाए।
हाई कोर्ट ने एक दिन में सुनाया फैसला
इस रोक को हटाने के लिए वर्षा ने मई में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। उसने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से लगाई गई रोक हटाई जाए। ताकि वह अपने दोस्त को किडनी दे सके। हाई कोर्ट ने केवल एक दिन में ही इस पर फैसला सुना दिया। इसके लिए एक कमिटि भी बनाई गई जिसने वर्षा को एक महीने के अंदर ही किडनी ट्रांसप्लांट की अनुमति दे दी।
प्यार में की किडनी डोनेट
कमिटि के चेयरपर्सन डॉ. भानू मूर्ति ने कहा कि वर्षा के इस फैसले का उसकी बहन विरोध कर रही थी। उसी ने कमिटि को इस ट्रांसप्लांट के विरोध में पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि वर्षा बालिग है और वह पहले ही पैनल के सामने अपना पक्ष रख चुकी है। किडनी ट्रांसप्लांट में पैसे का लेन देन नहीं हुआ। वर्षा ने सिर्फ प्यार में अपने दोस्त को किडनी दी है।