दो की जान बचाने वाले का उत्पीड़न पर यूपी पुलिस को नोटिस
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया और सड़क दुर्घटना में घायल दो लोगों की जान बचाने वाले एक व्यक्ति को नोएडा पुलिस द्वारा कथित रूप से प्रताड़ित किए जाने के मामले में चार हफ्तों में जवाब देने को कहा। आयोग ने मीडिया में आयी एक रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए यह कदम उठाया है।
आयोग ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए एक बयान में कहा कि एक प्रमुख आटोमोबाइल इंजीनियरिंग कंपनी में मानव संसाधन प्रबंधक रीतेश गुप्ता ने देखा कि नोएडा फेज़़2 थाने के पास एक कार ने एक मोटरसाइकिल में टक्कर मार दी जिस पर एक युवक के साथ 11 साल का एक लड़का सवार था। इस घटना के बाद कार भाग गयी।
गुप्ता ने पीड़ितों की मदद की और दोनों को अपनी कार से अस्पताल पहुंचाया और फिर पुलिस तथा पीड़ितों के घरवालों को इसकी सूचना दी। बयान में कहा गया है कि बाद में गुप्ता को नोएडा पुलिस द्वारा कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया और गुप्ता को करीब नौ घंटों तक रोक कर रखा। पुलिस ने एक मनगढंत कहानी भी बना दी और गुप्ता से पीड़ित के परिवार को दस हजार रूपए बतौर मुआवजा देने को कहा। पुलिस ने कथित तौर पर गुप्ता से दो हजार रूपए भी ले लिए। यह मामला जब मानवाधिकार आयोग पहुंचा तो यूपी पुलिस की खूब किरकिरी मची।