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द. अफ्रीका पर जीत के लिए टीम इंडिया अपनाए यह ”फॉर्मूला”
गांधी-मंडेला फ्रीडम सीरीज के पहले टी-20 मुकाबले में टीम इंडिया को मेहमान दक्षिण अफ्रीकी टीम से 7 विकेट से शिकस्त झेलनी पड़ी है। टीम इंडिया की इस हार के लिए एमएस धोनी ने गेंदबाजों की निरंतरता की कमी को दोषी ठहराया है, बावजूद इसके भारतीय खिलाड़ियों ने कई रणनीति चूक की।
आगामी मुकाबलों में टीम इंडिया को यदि मजबूत दिख रही दक्षिण अफ्रीकी टीम पर शिकंजा कसना है तो मैदान पर उतरने से पहले खामियों को दूर करना होगा। आइए हम आपको टीम इंडिया की उन खामियों से रूबरू कराते हैं, जिन्हें दूर कर आगामी मुकाबले में भारतीय खिलाड़ी जीत दर्ज कर सकते है।
अहम मौके पर विकेट गंवाने से बचना होगाः
टीम इंडिया ने पहले टी-20 मुकाबले में शुरुआती झटके से उबरते हुए 20 ओवर में 199 रन बनाए, हालाकि यह दक्षिण अफ्रीकी टीम के खिलाफ भारतीय खिलाड़ियों की ओर से बनाया गया सर्वोच्च स्कोर है। बावजूद इसके टीम इंडिया की बैटिंग पर नजर डालें तो साफ तौर पर देखा जा सकता है कि भारतीय खिलाड़ी दक्षिण अफ्रीका को जो लक्ष्य दे सकते थे, वह नहीं दे सके। इसकी वजह ऐन मौके पर भारतीय बल्लेबाजों द्वारा विकेट गंवाना रहा। यदि भारतीय खिलाड़ियों को दक्षिण अफ्रीकी टीम पर जीत दर्ज करनी है 15 से 20 ओवर के बीच न सिर्फ विकेट गंवाने से बचना होगा बल्कि तेजी से रन जुटाने होंगे, ताकि मेहमान टीम के बॉलर्स पर दबाव बढ़े।
शानदार शुरुआत की दरकारः
भारतीय सलामी बल्लेबाजों को दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों को शुरुआत में न सिर्फ संभलकर खेलना होगा बल्कि खराब गेंद पर करारा प्रहार कर तेजी से रन बटोरना होगा। भारतीय सलामी जोड़ी यदि बेहतर शुरुआत देने में सफल रही तो दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों पर विकेट चटकाने का दबाव बढ़ेगा, इसकी वजह से वे बॉलिंग में प्रयोग करने को विवश होंगे, जिसका फायदा टीम इंडिया को मिलेगा।
क्षेत्ररक्षण में करना होगा सुधारः दक्षिण अफ्रीकी टीम के खिलाफ पहले टी-20 मुकाबले में टीम इंडिया का क्षेत्ररक्षण स्तरीय नहीं रही। आगामी मुकाबलों में भारतीय क्षेत्ररक्षकों को रन चुराने का मौका नहीं देना होगा। साथ ही चौके-छक्कों को रोकने के लिए भारतीय गेंदबाजों को क्षेत्ररक्षण के मुताबिक बॉलिंग करनी होगी और कैच टपकाने से बचना होगा।
बड़ी साझेदारीः
टेस्ट और वनडे की तरह टी-20 में पार्टनरशिप बहुत ही मायने रखती है। ऐसे में मेहमान दक्षिण अफ्रीकी टीम को दबाव में लाने के लिए भारतीय बल्लेबाजों को बड़ी पार्टनरशिप तो करनी तही होगी और तेजी से रन भी बटोरने होगे।
बॉलिंगः
भारतीय बॉलर कई महत्वपूर्ण मौके पर सही लाइन लेंथ और क्षेत्ररक्षण के मुताबिक बॉलिंग करने में नाकाम रहते रहे हैं। इसकी बानगी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टी-20 मुकाबले के दौरान भी दिखी। यदि भारतीय बॉलर विपक्षी टीम के बैट्समैन की खामियों के मुताबिक क्षेत्ररक्षकों को खड़ा करे और सही लाइन लेंथ पर गेंद डाले तो दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों पर दबाव बनाकर विकेट गंवाने के लिए मजबूर किया जा सकता है।