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धनतेरस के दिन क्यों खरीदे जाते हैं नए बर्तन?

दस्तक टाइम्स/एजेंसी:  dhan-teras5-1446796727दीपावली से पहले शुभ मुहूर्त में विभिन्न वस्तुओं की खरीदारी की जाती है। धनतेरस को आभूषण, बर्तन तथा अन्य वस्तुओं की खरीदारी का विशेष शुभ दिन माना जाता है। इस दिन स्वर्ण, चांदी, बर्तन, पुस्तक के अलावा  इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि भी खरीदा जाता है। 9 नवम्बर 2015 को धनतेरस है। जानिए धन तेरस से जुड़ी कुछ रोचक बातें।

कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस आती है। इस दिन भगवान धनवंतरी भी सागर मंथन के उपरांत प्रकट हुए थे। उनके प्राकट्य के कारण इसे धनतेरस कहा जाता है। धनवंतरी आयुर्वेद के जनक हैं। वे सुख, स्वास्थ्य और दीर्घायु का वरदान देते हैं।

 

सागर मंथन से ही देवी लक्ष्मी का आविर्भाव हुआ था। यह तिथि भगवान धनवंतरी के जन्म के दो दिन बाद आई थी। अतः दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन की परंपरा शुरू हुई।

 

चूंकि भगवान धनवंतरी जीवन और स्वास्थ्य के रक्षक माने जाते हैं, इसलिए उनके हाथ में अमृत से भरा कलश है।  इस कलश के कारण ही धनतेरस के दिन नए बर्तन खरीदे जाते हैं। मान्यता है कि ये उस परिवार के लिए शुभ होते हैं।

 

इसी प्रकार धनतेरस के दिन चांदी के बर्तन, आभूषण और चांदी के सिक्के खरीदने का भी प्रचलन है। चांदी का संबंध ज्योतिष से है। यह चंद्रमा तथा मन से जुड़ी है। माना जाता है कि धनतेरस के दिन चांदी खरीदने या शुभ मुहूर्त में उसके आभूषण पहनने से चंद्रमा के दोष का निवारण होता है। चांदी घर में समृद्धि और सफलता लेकर आती है।

 

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