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लखनऊ। धनतेरस पर इस बार उत्तर प्रदेश में धन की खूब वर्षा हुई। जेवर की खरीददारी ने जहां पिछले साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए वहीं बर्तनों, वाहनों और कपड़ों की भी जमकर खरीददारी हुई। इसके अतिरिक्त लगभग दो सौ करोड़ के कपड़ों, 90 करोड़ के जेवरों, 20 करोड़ के बर्तनों और 95 करोड़ के वाहनों की बिक्री हुई। सूबे की राजधानी लखनऊ में भी इस धनतेरह व्यापारियों में खासा उत्साह रहा। यहां के बाजारों में रात भर भारी भीड़ उमड़ी रही। सबसे ज्यादा उत्साह यहां के सर्राफा कारोबारियों में देखने को मिला, जो पिछले रिकॉर्ड टूटने से काफी खुश दिखे। सर्राफा एसोसिएशन से जुड़े कुछ पदाधिकारियों ने बताया कि पिछले साल जहां 65 करोड़ रूपए की खरीददारी की गई थी, वहीं इस पर लगभग 90 करोड़ रूपए के जेवर खरीदे गए। इसमें सोने-चांदी के जेवरों से लेकर हीरे, मोती की मालाओं और सोने-चांदी के सिक्कों की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री हुई। सर्राफा व्यापारियों का कहना है कि धनतेरस से पहले बाजार का मिज़ाज देखकर इस बार रिकॉर्ड टूटने के जो अनुमान लगाए गए थे, वह सच साबित हुए और इस बार बिक्री में काफी बढ़त हुई है। इसी तरह बर्तनों का बाजार भी खून चमका। यहां बर्तन खरीदने की परम्परा खून नज़र आई। लोग आधी रात के बाद भी बाजारों में बर्तन खरीदते नज़र आए। राजधानी लखनऊ में व्यापारियों ने इस बार लोगों की मांग को देखते हुए स्टील के बर्तनों के अलावा स्टेनलेस और पीतल के बर्तनों की रेंज को बढ़ा दिया गया, जिनकी सोच से ज्यादा खरीददारी की गई। इसके साथ ही इंडक्शन चूल्हे और ड्राई-फ्रूट के सेट भी खूर खरीदे गए। लग्जरीं वाहनों के शौकीनों से भी वाहनों का बाज़ार आधी रात तक पटा रहा। लोगों ने पानी की तरह वाहनों पर पैसा बहाया। रफ्तार के शौकीन युवकों की पसंद बन चुकी रेसर मोटरसाईकिलों की भी खून बिक्री हुई। कई दिन पहले ही इन वाहनों की बुकिंग करा दी गई थी। बावजूद इसके रात भर लोग छोटी-बड़ी गाड़ियां खरीदते रहे। राजधानी के शोरूम आधी रात तक खरीददारों की भीड़ से लबरेज़ रहे। लगभग 95 करोड़ रूपए के वाहन खरीदे गए।