धन की हेरा-फेरी कैसे करते हैं ताकतवर रईस
एजेन्सी/बड़े पैमाने पर लीक हुए गोपनीय दस्तावेजों से पता चला है कि अमीर और शक्तिशाली लोग किस तरह अपनी दौलत को छिपाने के लिए टैक्स चोरी करते हैं और उन तौर-तरीकों का इस्तेमाल करते हैं जिनसे उन्हें कम से कम टैक्स भरना होता है। दुनिया में सबसे ज़्यादा गोपनीयता से काम करने वाली कंपनियों में से एक पनामा की कंपनी मोसाक फोंसेका के एक करोड़ दस लाख गोपनीय दस्तावेज़ लीक हुए हैं। इन दस्तावेज़ों से पता चलता है कि मोसाक फोंसेका ने किस तरह अपने ग्राहकों के काले धन को वैध बनाने, प्रतिबंधों से बचने और कर चोरी में मदद की। कंपनी का कहना है कि वो लगभग 40 वर्ष से बिना किसी दाग़ के काम कर रही है और उस पर कुछ ग़लत करने का आरोप कभी नहीं लगा।
दस्तावेज़ से पता चलता है कि 72 वर्तमान या पूर्व राष्ट्राध्यक्षों के तार इस कंपनी से जुड़े हैं। इनमें कई पूर्व तानाशाह भी शामिल हैं जिन पर अपने ही देश को लूटने का आरोप है। जर्मन अख़बार ज़ूटडॉयच ट्सायटूंग ने इन दस्तावेज़ों को हासिल किया और उन्हें इंटरनेशनल कॉन्सोर्टियम ऑफ इन्वेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट (आईसीआईजे) के साथ साझा किया। बीबीसी पैनोरामा और द गार्डियन 78 देशों के उन 107 मीडिया संस्थानों में शामिल हैं जिन्होंने इन दस्तावेज़ों का अध्ययन किया है। बीबीसी को उस सूत्र की पहचान नहीं पता है जिसने ये दस्तावेज़ उपलब्ध कराए हैं। आईसीआईजे के निदेशक गेरार्ड राइल का कहना है कि इन दस्तावेज़ों में मोसाक फोंसेका कंपनी की हर दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों का ब्यौरा दर्ज है। उनका कहना है, “दस्तावेज़ों की संख्या इतनी ज़्यादा है कि दुनिया के लिए ये बहुत बड़ा झटका साबित होंगे।”
इन दस्तावेज़ों में मिस्र के पूर्व तानाशाह होस्नी मुबारक, लीबिया के पूर्व शासक मुअम्मर गद्दाफ़ी और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के परिवार और उनके सहयोगियों से जुड़ी कंपनियों की गोपनीय जानकारी भी शामिल है। इन दस्तावेज़ों से अरबों डॉलर की हेराफेरी करने वाले एक संदिग्ध गिरोह का भी पता चला है जिसका संबंध एक रूसी बैंक से है जिसमें राष्ट्रपति पुतिन के करीबी सहयोगी भी जुड़े हुए हैं। इसका संबंध बैंक रसिया से है जिस पर क्रामिया प्रकरण के बाद अमरीका और यूरोपीय संघ के प्रतिबंध लगे हैं। इन दस्तावेज़ों से पहली बार पता चला है कि ये बैंक किस तरह काम करता है।
पता चला है कि विदेश में स्थित कंपनियों के ज़रिए पैसा लगाया जाता है जिनमें से दो कंपनियां आधिकारिक तौर पर उन लोगों की हैं जो रूसी राष्ट्रपति के सबसे करीबी दोस्तों में शुमार हैं। उनका नाम सर्गेई रोल्डूगिन है जो किशोरावस्था से ही पुतिन के मित्र हैं और राष्ट्रपति की बेटी मारिया के गॉडफादर भी हैं। दस्तावेज़ों में आइसलैंड के प्रधानमंत्री सिगमंडर गुनलॉन्गसॉन का नाम भी आया है जिन पर एक गुप्त विदेशी कंपनी में करोड़ों डॉलर निवेश करने का आरोप है।