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धोनी के लिए बेहद लकी 7 नंबर, ये हैं उनकी अब तक की 7 टॉप पारियां
![धोनी के लिए बेहद लकी 7 नंबर, ये हैं उनकी अब तक की 7 टॉप पारियां](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2018/07/MS-Dhoni.jpg)
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी 7 जुलाई को अपना 37वां जन्मदिन मनाएंगे। धोनी टीम इंडिया के सबसे सफलतम कप्तानों में से एक माने जाते हैं। अपनी कप्तानी में उन्होंने टीम इंडिया को खूब जीत दिलाए है। टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह देने वाले धोनी ने सीमित ओवरों के क्रिकेट में टीम इंडिया के लिए कई यादगार पारियां खेली हैं। चाहे वो नंबर तीन पर आकर धुआंधार शतक ठोकना हो या नंबर 7 पर तेजतर्रार बैटिंग करनी हो। आइये जानते हैं अनहोनी को होनी कर देने वाले ‘सात नंबरी’ कैंप्टन कूल धोनी की टॉप सात पारियां:
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ज्यादार लोग 2007 का वर्ल्ड कप युवराज सिंह के वजह से याद रखते हैं। इंग्लैंड के खिलाफ मैच जीताने वाले युवी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जल्दी चलते बना। 61 रन पर 4 खिलाड़ी आउट हो गए थे। धोनी ने डेब्यू कर रहे रोहित शर्मा के साथ मिलकर टीम इंडिया का बेड़ा पार लगाया और 85 रन की साझेदारी के चलते टीम इंडिया का स्कोर 150 तक पहुंचा। 33 गेंद पर धोनी ने 4 चौकों और 1 छक्के की मदद से 45 रन बनाए। अंत में गेंदबाजों ने अपना का बखूबी प्रदर्शन कियाऔर टीम इंडिया 37 रन से मैच जीत गया।
धोनी की पहला अंतरराष्ट्रीय शतक बेदह मुश्किल परिस्थियों में आई। जिंबाब्वे जैसी कमजोर टीम के खिलाफ 251 रन का पीछे करते हुए टीम इंडिया का स्कोर 91 पर 5 विकेट हो गया था। मगर धोनी के इरादे कुछ और ही थे। युवराज और धोनी के बीच 158 रन की साझेदारी ने मैच टीम इंडिया के नाम कर दिया और धोनी ने शानदार छक्के के साथ मैच को खत्म किया।
सचिन के जल्दी आउट होने के बाद धोनी को नंबर 3 पर भेजा गया। 299 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया धोनी के पारी के बूते ऐसी रफ्तार पकड़ी कि श्रीलंकाई टीम काबू न कर सकी। धोनी ने 40 बॉल में 50 रन बनाए, शतक के लिए 85 बॉल खेली और अंत मे 145 गेंदों में 183 रन बनाए। इस मैराथन पारी में धोनी ने 15 चौके और 10 छक्के जड़े।
सचिन के जल्दी आउट होने के बाद धोनी को नंबर 3 पर भेजा गया। 299 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया धोनी के पारी के बूते ऐसी रफ्तार पकड़ी कि श्रीलंकाई टीम काबू न कर सकी। धोनी ने 40 बॉल में 50 रन बनाए, शतक के लिए 85 बॉल खेली और अंत मे 145 गेंदों में 183 रन बनाए। इस मैराथन पारी में धोनी ने 15 चौके और 10 छक्के जड़े।
50 ओवर का मैच हो और धोनी की पारी के बावजूद टीम हार जाए, इस बात पर यकीन कर पाना मुश्किल है। मगय यह सच है। हालांकि धोनी की कोशिश में कोई कमी नहीं थी, मगर धोनी की 113 रन की यह पारी पाकिस्तान के आगे फिकी साबित हुई। इस मैच में धोनी ने रैना के साथ 73 रन और अश्विन के साथ नाबाद 125 रन जोड़े मगर पाकिस्तान 6 विकेट से यह मैच जीत गया।
पहले दो ओवरों के बाद टीम इंडिया का स्कोर 7 रन पर 3 विकेट था। 100 रन के भीतर ही टीम इंडिया के 8 विकेट गिर चुके थे। मगर टीम की नैया धोनी के हाथ में थी। आरपी सिंह के साथ नौंवे विकेट के लिए 101 रन पारी के बूते भारतीय टीम 188 रन तक पहुंच सकी। हालांकि 95 रन की पारी के बावजूद टीम को जीत नहीं मिली, मगर यह पारी उनकी आक्रमकता का बड़ा सबूत है।
आईसीसी वर्ल्ड कप 2011 का फाइनल भला कौन भूल सकता है। 275 रनों का पीछा करते हुए भारत 114 रन पर तीन विकेट खो चुका था। युवराज से पहले आकर धोनी ने गंभीर के साथ 109 रनों की साझेदारी ने भारत को वर्ल्ड चैंपियन बना दिया। 79 गेंद में 91 रन से ज्यादा सभी के जहन में वो आखरी छक्का है, जिसने भारती की जीत पक्की कर दी थी।