नागपंचमी पर सांपों को पिलाया जाएगा दूध
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आस्था : सावन का महीना चल रहा है और त्योहारों का सिलसिला भी जारी है। 2019 में 5 अगस्त को नागपंचमी पड़ रही है। नागपंचमी के दिन नागों यानि गेहुअन सांप को दूध पिलाया जाता है। नाग देवता के देश में कई मंदिर हैं। मन्नारसला श्रीनागराज मंदिर केरल के अलप्पुझा जिले के हरीपद गांव में स्थित है। मन्नारसला श्रीनागराज मंदिर घनें जंगलों के बीच में है। इस मंदिर के रास्ते पर पेड़ों पर 30 हजार से अधिक सांपों की आकृति बनाई गई है। इस मंदिर में नाग देवता के साथ उनकी पत्नी नागयक्षी देवी की प्रतिमा भी स्थित है। माना जाता है कि नागराज का सीधा सम्बन्ध परशुराम जी से है, जिन्होंने केरल का निर्माण किया था। नागचंद्रेश्वर मंदिर उज्जैन के महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित है। इस मंदिर में 11 शताब्दी की प्रतिमा स्थापित है। जिसमें नाग देवता अपना फन फैलाए हुए हैं और इस फन फैलाए हुए आसन पर भगवान शिव और माता पार्वती विराजित हैं। इस प्रतिमा को नेपाल से यहां लाया गया था। यह मंदिर सिर्फ नागपंचमी के दिन ही खुलता है।
धौलीनाग मंदिर उत्तराखण्ड के बागेश्वर जनपद में स्थित है। धौलीनाग मंदिर में रोज नागदेवता की पूजा होती है। यह मंदिर विजयपुर के पास एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। लेकिन नवरात्र में यहां पर विशेष पूजा की जाती है। यहां पर नागपंचमी के दिन मेला लगता है। जिसमें कांडा-कमस्यार के 11 गांवों के लोगों के अलावा बड़ी संख्या में बाहर से भी लोग आते हैं। शेषनाग मंदिर कश्मीर में स्थित है। माना जाता है कि शेषनाग ने पहलगाम के पास एक झील का निर्माण किया था। जिसमें वह आज भी निवास करते हैं। अमरनाथ यात्रा के समय भक्त इस मंदिर में आकर शेषनाग के दर्शन और पूजा करते हैं। भुजंग नाग मंदिर गुजरात के भुज में स्थित है। जो नाग कुल के आखिरी नाग को समर्पित है। जो लड़ाई के समय में मृत्यु को प्राप्त हो गए थे। इसलिए इस मंदिर को भुजिया पर्वत पर बनवाया गया और इसे भुजंग नाग मंदिर का नाम दिया गया। जिसमें भक्त नाग देवता के दर्शनों के लिए आते हैं।