नीति आयोग का सुझाव बीमार PSUs हो बंद
नई दिल्ली । सरकारी कंपनियों के हालात व व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने नीति आयोग को जिम्मा सौंपा है। इस क्रम में सरकार की थिंक टैंक, नीति आयोग ने ऐसे आठ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बंद करने का सुझाव दिया जिनका नवीकरण भी नहीं किया जा सकता है।
‘ये आठ इकाइयां उन 74 नुकसान में चल रहे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में से हैं जिनकी पहचान नीति आयोग ने बंदी या बिक्री के लिए की है।‘ एक बार पीएमओ द्वारा इस प्रस्ताव को सैद्धान्तिक मंजूरी मिलने के बाद संबंधित मंत्रालय इन इकाइयों को बंद करने के लिए विस्तृत योजना बनाएंगे।
इन विस्तृत योजनाओं में बेची जाने लायक परिसंपत्तियों की पहचान और इन आठ कंपनियों के कर्मचारियों के लिए मुआवजा देना आदि शामिल है। इन कंपनियों को बंद करने की योजना केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने रखी जाएगी ताकि इन कंपनियों को बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने नीति आयोग से कहा था कि वह ऐसे मामलों में आगे बढ़ने से पहले बिक्री आदि से जुड़ी विस्तृत प्रक्रिया के साथ एक बीमार सार्वजनिक उपक्रम की पहचान करे।
आयोग ने इन बीमार व हानि में जाने वाले उपक्रमों के दो अलग अलग लिस्ट सबमिट किए। जिसमें से एक लिस्ट उन कंपनियों की है जिसे बंद किया जा सकता है और दूसरी वो है जहां सरकार अपनी हिस्सेदारी का विनिवेश कर सकती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने 2016-17 बजट भाषण में कहा था कि आयोग बिक्री व विनिवेश के लिए पब्लिक सेक्टर यूनिट का पहचान करेगी।