नेशनल हेराल्ड मामले में यहां की एक अदालत ने सोमवार को भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पार्टी और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से नेशनल हेराल्ड मामले से संबंधित दस्तावेज दिलाने का आग्रह किया था। मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट लवलीन ने वह दलील खारिज कर दी, जिसमें स्वामी ने कांग्रेस पार्टी की वर्ष 2010-11 की बैलेंस शीट और मामले में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड से जुड़े अन्य दस्तावेज मंगवाने का आग्रह किया था।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 12 जुलाई को निचली अदालत के एक आदेश को खारिज कर दिया था। उसमें इन्हीं दस्तावेजों और हेराल्ड हाउस से जुड़े वित्त, शहरी विकास और कारपोरेट मामलों के मंत्रालय और दिल्ली विकास प्राधिकरण और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से ये दस्तावेज पेश करने को कहा गया था।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि यह आदेश प्रतिपक्ष को बगैर कोई नोटिस दिए या सुनवाई का कोई मौका दिए बगैर पारित किया गया। अदालत ने स्वामी को इस याचिका के साथ निचली अदालत में जाने का निर्देश दिया था।
स्वामी ने एजेएल के अधिग्रहण के बारे में ‘धोखेबाजी’ की शिकायत दर्ज की है। एजेएल ही यंग इंडियन फर्म के जरिए नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करती है। यंग इंडियन फर्म में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
स्वामी ने उन पर धोखाधड़ी की साजिश रचने और मात्र 50 लाख रुपये का भुगतान करके बड़ी राशि का गबन करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि 50 लाख रुपये का भुगतान कर यंग इंडियन ने 90.25 करोड़ रुपये पाने का अधिकार प्राप्त कर लिया, जबकि यह अधिकार कांग्रेस के स्वामित्व वाले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का है।
इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र व पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नाडीज, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडियन इस मामले में अभियुक्त हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्वामी की याचिका पर पिछले वर्ष दिसंबर में राहुल और सोनिया को निचली अदालत से जारी समन रद्द कर दिया था।