देहरादून: आयकर विभाग ने उत्तराखंड में उन खातों को चिह्नित कर लिया है, जिनमें नोटबंदी के दौरान कालाधन जमा किया गया है। ऐसे खातों की संख्या करीब 400 है और इन सभी में पुराने नोटों के रूप में 20 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा कराई गई है। मुख्य आयकर आयुक्त प्रमोद कुमार गुप्ता के अनुसार आयकर विभाग ने उत्तराखंड में 4100 ऐसे खातों का ब्योरा खंगाला, जिनमें नोटबंदी के दौरान सामान्य से अधिक 1000 व 500 रुपये के पुराने नोट जमा कराए गए।
इसके साथ ही विभाग ने ऐसे खातों की जांच की, जिनमें 20 लाख रुपये से ऊपर की राशि जमा कराई गई। लंबी जांच-पड़ताल के बाद करीब 400 खाते ऐसे मिले, जिनको लेकर यह कहा जा सकता है कि इनमें कालाधन (अघोषित आय) जमा कराया गया है। इन खाताधरकों की सबसे बड़ी बात यह पकड़ में आई कि खातों में पुराने नोटों के रूप में बड़ी राशि जमा कराने के बाद भी रिटर्न महज एक, दो या तीन-चार लाख रुपये का भरा था। रिटर्न और जमा कराई गई राशि में बड़ा अंतर मिलने के बाद यह स्पष्ट होने लगा कि मामला कालाधन से जुड़ा है। ऐसे खाताधारकों के पुराने वर्षों के रिटर्न की भी जांच की गई।
हर बार का रिटर्न जमा कराई गई रकम से मेल नहीं खा रहा था। मुख्य आयकर आयुक्त के अनुसार कुछ खाताधारकों पर कार्रवाई कर अघोषित आय जमा भी कराई जा चुकी है। चूकिं अब वित्तीय वर्ष 2017-18 समाप्ति की ओर है, लिहाजा मार्च तक कालाधन जमा कराने वाले सभी लोगों की कुंडली बांच ली जाएगी।
अगले चरण में 10 से 20 लाख रुपये जमा कराने वालों की होगी जांच
दरअसल, खातों में जमा कराए गए पुराने नोटों के बाद से ही आयकर विभाग को यह पता चलने लगा था कि किस खाते में अघोषित आय जमा कराई गई है। इस क्रम में संबंधित खाताधारकों को नोटिस भेजने के बाद बड़ी संख्या में आयकर विभाग को यह जवाब मिला कि उनके पास रिटर्न फाइल करने का समय शेष है और वह रिर्टन में दिखा देंगे कि जमा कराई गई राशि कालाधन नहीं है।
इसके बाद आयकर विभाग के अधिक दम साधकर एक-एक कर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि बीत जाने का इंतजार करने लगे। नवंबर तक की रिटर्न में अधिकारियों को स्पष्ट होने लगा था कि किस खाताधारक की स्थिति क्या है। हालांकि अभी विभाग ने 20 लाख रुपये से अधिक राशि जमा कराने वालों को ही टारगेट में रखा है और इसके बाद 10 से 20 लाख रुपये तक कालाधन जमा कराने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।