नौकरी के लिहाज से चुनौतीपूर्ण रहेगा नया साल
नई दिल्ली: नौकरी की तलाश में भटक रहे लोगों के लिए नया साल थोड़ा चुनौतीपूर्ण रह सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि वैश्विक स्तर पर दिक्कतों तथा घरेलू मोर्चे पर नकदी की कमी के चलते कर्मचारियों या नौकरी की तलाश कर रहे लोगों के लिए नया साल बेहद चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। नियोक्ता पहले से ही ‘वेट एंड वॉच’ की नीति अपना रहे हैं। इस स्थिति के मद्देनजर विशेषज्ञों का कहना है कि वेतनवृद्धि में भी कमजोर रुख दिखाई पड़ रहा है। तमाम विश्लेषणों से पता चलता है कि इस साल नियुक्तियों में वृद्धि का रुख 2015 की तुलना में काफी कमजोर रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक वेतनवृद्धि अनुमानित 20 प्रतिशत के आंकड़े से कम रही। हालांकि यह 10 प्रतिशत की औसत वृद्धि के अनुमान से अधिक रही। माना जा रहा है कि सरकार का नोटबंदी का फैसला तथा अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति चुना जाना, दो ऐसे कारक हैं जिनका नए साल में कुछ निश्चित सेक्टरों पर असर पड़ सकता है।
ग्लोबल एग्जिक्युटिव रिक्रूटमेंट फर्म ‘एंटल इंटरनेशनल इंडिया’ के प्रबंध निदेशक जोसफ देवासिया ने कहा, ‘उपभोक्ता आधारित क्षेत्रों मसलन एफएमसीजी तथा खुदरा क्षेत्र ने शुरुआत में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन हालिया नोटबंदी के कदम के बाद बिक्री में भारी गिरावट आई है। फिलहाल इन क्षेत्रों में नौकरियां कम हुई हैं और अगले दो साल तक ऐसी स्थिति रहने का अनुमान है।’ उन्होंने हालांकि कहा कि नोटबंदी से अभी नकारात्मक असर पड़ा है लेकिन बाद में इससे देश को लाभ होगा।