केशवानी के अनुसार यह सब बहुत आसान नहीं था क्योंकि उनके दोस्त बड़ी नौकरियां छोड़कर उनका साथ देने आए थे। उन पर इसका
काफी प्रेशर था। हालांकि एक अच्छी मैनेजमेंट टीम बेहतर काम करना जानती है और इसी का फायदा मिला। बिजनेस भी तेजी से बढ़ने लगा। इसके बाद प्राइवेट इक्विटी फर्म वारबग पिनकस ने इस कंपनी में 210 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया था। फिर कोटक महिंद्रा रियल्टी ने 32 करोड़ रुपये लगाए थे। दिसंबर 2006 तक होटल में 125 रूम्स हो गए थे। सिर्फ इतना ही नहीं ऑक्यूपेंसी 90 फीसदी तक पहुंच गई थी।