करिअर
नौकरी छोड़ खोली थी अपनी छोटी सी कंपनी, आज खड़ा कर दिया 6 हजार करोड़ का एंपायर

दिल की सुनो और आगे बढ़ते रहो…एक दिन कामयाबी जरूर हासिल होगी। जी हैं इस शख्स ने ऐसा ही किया। साल 2002 में नौकरी छोड़कर इस शख्स ने अपनी कंपनी की शुरुआत की और आज 6000 करोड़ रुपये से ज्यादा के मालिक बन गए हैं। ये शख्स और कोई नहीं बल्कि पटू केशवानी हैं जो कि देश के मशहूर होटल चेन ‘लेमन ट्री’ के मालिक हैं। लेमन ट्री के 2-4 स्टार होटल हैं। पटू केशवानी के सफलता की कहानी आपको जिंदगी की राह पर आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देती रहेगी।

नौकरी से बोर होकर अपनी कंपनी शुरू करने वाले पटू केशवानी ने एक बार एक इंटरव्यू में बताया था कि जब उन्हें कर्मचारी के तौर पर बोरियत होने लगी तो उन्होंने फैसला किया कि अब वह नौकरी छोड़ देंगे। केशवानी ने कुछ अलग करने के बारे में सोचा और होटल बिजनेस में उतरने की तैयारी शुरू कर दी। हालांकि पटू केशवानी के माता पिता उनके इस फैसले से खुश नहीं थे। वहीं उनकी पत्नी शरानीता उन्हें पूरा सपोर्ट कर रही थीं। आपको बता दें कि उनकी पत्नी उस समय केएफसी में मार्केटिंग डायरेक्टर थीं। बाद में वह पति के साथ उनकी कंपनी में जुड़ गईं।
पटू केशवानी ने इंटरव्यू में कहा था- ‘मैं एक होटल का निर्माण करना चाहता हूं जहां फाइव स्टार होटल की 60 फीसदी सुविधाएं आधी कीमतों में मिलें।’ इसी मॉडल पर काम करते हुए केशवानी ने हरियाणा के गुरुग्राम में 1.5 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी थी। उनका कहना था कि गुरुग्राम को इसलिए चुना गया क्योंकि ज्यादातर कॉर्पोरेट वहां आते हैं और ठहरते हैं। उन्होंने ताज ग्रुप में काम करने वाले अपने कुछ पुराने मित्रों को भी अपने फैसले के बारे में बताया। सबके साथ विचार विमर्श करने के बाद ही कंपनी का नाम लेमन ट्री रखा गया।
मई 2004 तक कंपनी के पोर्टफोलियो में 5 स्टार जैसी सुविधा वाले 50 रूम थे। इनमें एक रूम के लिए एक रात का खर्च मात्र 1600 रुपये था। कंपनी के शुरुआती एक महीने में उनकी ऑक्युपेंसी 40 फीसदी रही थी जबकि उस वक्त तक कोई विज्ञापन नहीं दिया गया था। कंपनी डायरेक्ट मार्केटिंग करती थी। ये कॉन्सपेट तेजी से चल गया और पहले 5 साल में ही कंपनी का प्रोफिट 1 करोड़ रुपये पहुंच गया था।
केशवानी के अनुसार यह सब बहुत आसान नहीं था क्योंकि उनके दोस्त बड़ी नौकरियां छोड़कर उनका साथ देने आए थे। उन पर इसका
काफी प्रेशर था। हालांकि एक अच्छी मैनेजमेंट टीम बेहतर काम करना जानती है और इसी का फायदा मिला। बिजनेस भी तेजी से बढ़ने लगा। इसके बाद प्राइवेट इक्विटी फर्म वारबग पिनकस ने इस कंपनी में 210 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया था। फिर कोटक महिंद्रा रियल्टी ने 32 करोड़ रुपये लगाए थे। दिसंबर 2006 तक होटल में 125 रूम्स हो गए थे। सिर्फ इतना ही नहीं ऑक्यूपेंसी 90 फीसदी तक पहुंच गई थी।