अद्धयात्म
पंचमी तिथि में नहीं देनी चाहिए ये चीज, मिलता है अशुभ परिणाम
अगर चतुर्थी रिक्ता संज्ञक तिथि हो तो इस दिन शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। चतुर्थी तिथि में उग्र व अग्निविषादिक असद् कार्य, शत्रु मर्दन, बन्धन और शस्त्र प्रहार आदि कार्य करने योग्य हैं।
पंचमी पूर्णा संज्ञक तिथि में समस्त शुभ व मांगलिक कार्य तथा अन्य स्थिर व चंचल कार्य शुभ कहे गए हैं किन्तु कर्ज देना अच्छा नहीं होता। चतुर्थी तिथि में जन्मा जातक सामान्यत: पंडित, विद्वान, बुद्धिमान, विशाल हृदय, दानी, किन्तु धन के पूर्णत: सुख के लिए चिंतित, पराक्रमी और व्यवहार कुशल होता है।
नक्षत्र
श्रवण नक्षत्र रात्रि 1.15 तक, तदन्तर धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। श्रवण नक्षत्र में यथा आवश्यक देवस्थापन, घर, पुष्टता, कारीगरी, मांगलिक, जनेऊ, विद्यारम्भ, सवारी, वाहन व शान्तिक कार्य और धनिष्ठा नक्षत्र में मुण्डन, युद्ध, सवारी, बाग-बगीचा, वास्तु और अलंकारादिक कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं। पर मंगलवार को तिथि व योगादि शुभ नहीं है तथा दोपहर बाद 2.01 तक भद्रा भी है।
श्रवण नक्षत्र में जन्मा जातक सामान्यत: बहुत बोलने वाला, पर धनी, गंभीर, बुद्धिमान, साहसी, प्रसिद्ध, नेकनाम, विवेकी व विद्वान होता है। रागविद्या, गणित व ज्योतिष में इनकी विशेष रुचि रहती है। इनका 19वां व 24वां वर्ष प्राय: अच्छा नहीं होता।
वारकृत्य कार्य
मंगलवार को चुगली करना, भेद लेना, कूट-कपट व धोखे के कार्य चौर्य, गुप्त व असद् व्यापार-व्यवसाय, झूठ बोलना, शस्त्र प्रहार, उग्र व अग्निविषादिक असद् कार्य, कलह, संधि-विच्छेद और अग्निदाह करना आदि कार्य सिद्ध होते हैं।
दिशाशूल
मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। चन्द्र स्थिति के अनुसार दक्षिण दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद रहेगी। अति आवश्यकता में यदि शूल दिशा की अनिवार्य यात्रा हो तो कुछ गुड़ खाकर यात्रा पर प्रस्थान कर लेना चाहिए।