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14 मई को मनाई जाएगी गंगा सप्तमी, जानिये शुभ मुहूर्त, योग व पूजन विधि

नई दिल्ली: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार गंगा सप्तमी 14 मई, मंगलवार को मनाई जाएगी। गंगा सप्तमी को गंगा जयंती के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन मां गंगा को समर्पित है। कहा जाता है कि गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी में स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन दान-पुण्य करना बहुत शुभ और फलदायी माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान, तप और दान-पुण्य करने से मनुष्यों को मोक्ष प्राप्त होता है। साथ ही मंगल दोष व अन्य दोषों में भी लाभ मिलता है।

गंगा सप्तमी शुभ योग

गंगा सप्तमी के दिन पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग का संयोग भी बनने जा रहा है। इस दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग 13 मई को सुबह 11 बजकर 23 मिनट से शुरू हो चुका है जिसका समापन 14 मई को दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर होगा। वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग इस दिन दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर शुरू होगा और समापन 15 मई को सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर होगा। इसके अलावा रवि योग सुबह 5 बजकर 31 मिनट से शुरू होगा और समापन दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर होगा। गंगा सप्तमी शुभ मुहूर्त

गंगा सप्तमी की शुरुआत 14 मई को रात 2 बजकर 50 मिनट पर होगी और समापन 15 मई को सुबह 4 बजकर 19 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, इस बार गंगा सप्तमी 14 मई को ही मनाई जाएगी। गंगा सप्तमी का पूजन का मुहूर्त सुबह 10 बजकर 56 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।

गंगा सप्तमी पूजन विधि

गंगा जयंती के शुभ दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा स्नान करना चाहिए। यदि संभव न हो तो घर में ही स्नान वाले पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर नहा लें। इसके बाद मां गंगा की मूर्ति या फिर नदी में फूल, सिंदूर, अक्षत, गुलाल, लाल फूल, लाल चंदन अर्पित करके मां गंगा की विधि-विधान से पूजा करें। मां गंगा को भोग में गुड़ या फिर कोई सफेद मिठाई अर्पित करें। फिर आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गंगा आरती करें। अंत में धूप-दीप जलाकर श्री गंगा सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें और साथ ही गंगा मंत्र- ऊं नमो भगवति हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा’ का जाप करें।

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