पनामा पेपर्स के खुलासों से दुनिया भर में खलबली
इन लोगों का कहना है कि इन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। कुछ नेताओं और उनके समर्थकों ने खुद को पाक-साफ करार दिया है।
पनामा पेपर्स से ब्रिटेन और आइसलैंड में राजनीतिक भूचाल आ गया। आइसलैंड के प्रधानमंत्री सिगमुंडुर डेविड गुन्नलॉगसन को पद छोड़ना पड़ा। चीन ने तो इंटरनेट को ही सेंसर कर दिया।
वहां के मीडिया का भी मुंह बंद है। अमेरिका अभी इन दस्तावेजों की पड़ताल करने में जुटा हुआ है। इंटरनेशनल कंसोर्शियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) और मीडिया समूहों ने जिन दिग्गज लोगों के नाम इस लीक दस्तावेज में उठाए हैं उनमें चीन के नेता शी जिनपिंग के रिश्तेदार, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के करीबी सहयोगियों, आइसलैंड के प्रधानमंत्री सिगमुंडुर डेविड गुन्नलॉगसन और बार्सिलोना के स्ट्राइकर लियोयनेल मेसी शामिल हैं।
मंगलवार को चीन में वेबसाइट्स और सोशल मीडिया पर ‘पनामा दस्तावेज’ खोजे जाने पर मिली सामग्री को देखना संभव नहीं था। चीन के ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में कहा है कि दस्तावेजों के लीक होने के पीछे ‘बहुत बड़ी ताकत’ है।
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन रिपोर्ट में शामिल लोगों की जांच करेगा, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने कहा, ‘ऐसे निराधार आरोपों पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।’ दूसरी तरफ, लीक हुए दस्तावेजों में पुतिन के करीबी दोस्त का नाम शामिल होने पर रूस ने इसे अमेरिका की साजिश करार दिया है।
रूसी सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘पुतिन, रूस, हमारा देश, हमारी स्थिरता और आगामी चुनाव मुख्य लक्ष्य हैं। यह खास तौर से परिस्थितियों को अस्थिर करने की बात है।’ उन्होंने दावा किया कि इस लीक में शामिल कई पत्रकार अमेरिकी विदेश विभाग, सीआईए और विशेष सेवाओं के पूर्व अधिकारी हैं।
सोमवार को रेक्जाविक में संसद के बाहर भारी भीड़ इकट्ठी हुई और उसने प्रधानमंत्री सिगमुंडुर डेविड गुन्नलॉगसन से इस्तीफा मांगा। गुन्नलॉगसन और उनकी पत्नी ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में 2007 में एक कंपनी खरीदी थी और 2009 के अंत में उन्होंने मात्र एक डॉलर में इस कंपनी की 50 फीसदी हिस्सेदारी अपनी पत्नी को दे दिया था।
पनामा करेगा जांच
पनामा सिटी। पनामा ने कहा है कि वह पनामा पेपर्स के नाम सामने आए दस्तावेजों के तथ्यों की जांच करने का अभियान शुरू करेगा। पनामा के लोक अभियोजक के दफ्तर ने कहा है कि जो खुलासे हुए हैं वे आपराधिक जांच के विषय हैं।
सरकार मामले की जांच कराएगी और यह पता करेगी कि कौन से अपराध हुए हैं और उन्हें कि न लोगों ने अंजाम दिया है। साथ ही इस तरह के लेनदेन से हुए वित्तीय नुकसान का भी पता लगाया जाएगा।
ब्रिटेन के पीएम के पिता का नाम भी दस्तावेजों में शामिल
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन पर काफी ज्यादा दबाव है। उनेके स्वर्गीय पिता इयान कैमरन का नाम लीक पनामा दस्तावेजों में शामिल है। आरोप है कि वह एक विदेशी फंड चलाते थे और उन्होंने 30 साल तक ब्रिटेन में टैक्स नहीं दिया।